फिरोजपुर से नहीं मिट पा रहा पिछड़ेपन का दाग, 112 जिलों में मिला तीसरा स्थान
आजादी के 74 साल बाद भी जिला फिरोजपुर से पिछड़ेपन का दाग नहीं मिट पाया है। केंद्र सरकार के नीति आयोग की ओर से देश के 112 पिछड़े जिलों में जून माह में करवाए गए सर्वेक्षण में शहीदों की धरती के नाम से जाने जाते फिरोजपुर को रैंकिग में तीसरा स्थान मिला है।
दर्शन सिंह, सुभाष आनंद, फिरोजपुर : आजादी के 74 साल बाद भी जिला फिरोजपुर से पिछड़ेपन का दाग नहीं मिट पाया है। केंद्र सरकार के नीति आयोग की ओर से देश के 112 पिछड़े जिलों में जून माह में करवाए गए सर्वेक्षण में शहीदों की धरती के नाम से जाने जाते फिरोजपुर को रैंकिग में तीसरा स्थान मिला है।
केंद्र सरकार के नीति आयोग की ओर से करवाए गए सर्वेक्षण में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन और कौशल विकास तथा अन्य सुविधाएं शामिल थीं। इन्हीं सुविधाओं में फिरोजपुर हर पक्ष से पिछड़ता आ रहा है। खासकर दूषित हो चुका सतलुज दरिया का पानी मुख्य कारण है। सरहदी गांवों के पीने वाले पानी में दरिया का पानी असर कर चुका है। वहीं पाकिस्तान के जिला कसूर की चमड़ा फैक्ट्रियों का कैमिकल (एस्टिक एनहाइड्राइड) युक्त पानी भी सीधा सतलुज दरिया में छोड़ा जाता है।
उधर, एडीसी (विकास) अरुण शर्मा ने कहा कि अभी सर्वेक्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं है और रिपोर्ट देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है । उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदेश में स्किल डवपमेंट मामले में फिरोजपुर दूसरे स्थान पर आ चुका है ।
यह भी रहे मुख्य कारण
बड़े उद्योग का ना होना
भारत-पाक सीमा से सटे होने के कारण फिरोजपुर में कोई भी बड़ा उद्योग नहीं लगाया गया। भाजपा की सरकार ने यहां पर फौजी टेंट बनाने का कारखाना मंजूर किया था, लेकिन वे भी ठंडे बस्ते में पड़ गया। 1971 की जंग के बाद हुसैनी वाला बार्डर बंद कर देने से दोनों देशों के बीच कारोबार भी बंद हो गया जिसका सीधा असर फिरोजपुर पर पड़ा । छोटे उद्योग भी कुछ बंद हो चुके हैं या फिर यहां से शिफ्ट हो चुके है। बेरोजगारी भी पिछड़ेपन का कारण जिले में कोई बड़ा उद्योग न होने से युवाओं में बेरोजगारी बढ़ चुकी है । मेडिकल कालेज न होने के कारण लोगों को शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों को जाना पड़ रहा है ।
दूषित हो चुका फिरोजपुर के वाटर सप्लाई विभाग का पानी फिरोजपुर वासियों को शुद्ध पानी भी मुहैया करवाने में जलापूर्ति विभाग असफल हो रहा है, क्योंकि दशकों पहले डाली गई वाटर सप्लाई की पाइपें खराब हो चुकी हैं और उनमें सीवरेज का पानी मिक्स होने से पानी दूषित हो चुका है।
सेहत सेवाओं में भी फिसड्डी फिरोपजुर
सेहत सेवाओं में जिला फिरोजपुर फिसड्डी साबित हो रहा है। जिले में जिला परिषद द्वारा चलाई जा रही गांवों की 44 डिस्पेंसरियों में डाक्टरों के 31 पद खाली पड़े हैं व जो 13 डाक्टर तैनात हैं वे कोरोना में ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं फिरोजपुर के जिला सरकारी अस्पताल में एक वर्ष से न तो रेगुलर सीनियर मेडिकल अफसर तैनात किया गया और न ही सर्जन और बच्चों का माहिर, आंखों का डाक्टर और आर्थो माहिर अस्पताल को मिल सका है। इन्हीं कारणों के चलते जिला फिरोजपुर सेहत सुविधाओं में पिछड़ गया है। जिले में लगातार सड़कों को चौड़ा करने के लिए वृक्षों का कटान किया जा रहा है।