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असुरक्षित स्कूल के कमरे चार, ठिठुर रहे 350 विद्यार्थी, प्रशासन की व्यवस्था लाचार

सरकार व शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में बचों की संख्या बढ़ाने की कई योजनाएं बना रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 11:42 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 06:08 AM (IST)
असुरक्षित स्कूल के कमरे चार, ठिठुर रहे 350 विद्यार्थी, प्रशासन की व्यवस्था लाचार
असुरक्षित स्कूल के कमरे चार, ठिठुर रहे 350 विद्यार्थी, प्रशासन की व्यवस्था लाचार

अशोक शर्मा, फिरोजपुर : सरकार व शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने की कई योजनाएं बना रहा है, लेकिन ये सरकारी स्कूलों में लागू होती नजर नहीं आ रही। यही अव्यवस्था गांव अलीके के प्राइमरी स्कूल में है।

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इस स्कूल में 350 बच्चे नर्सरी और पांचवीं कक्षा तक पढ़ते हैं, लेकिन बच्चों के लिए यहां सिर्फ चार कमरे हैं। वह भी खस्ताहाल और असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। बावजूद इसके प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे। शायद प्रशासन को बड़े हादसे का इंतजार है। गांव के रहने वाले दर्शन लाल, छिंदा सिंह, प्रेम सिंह ने बताया कि स्कूल 1952 से चल रहा है। सरकारी तौर पर 1962 में किसी दानी सज्जन ने यह जगह व कमरे स्कूल को दान किए थे। तब से इस स्कूल में गांव व आसपास के गांवों के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन स्कूल की खस्ता हालत किसी भी समय हादसे का कारण बन सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे कड़ाके की ठंड में आसमान तले बैठने के लिए मजबूर हैं और वह भी बेंच पर नहीं, बल्कि मैट पर बिठाए जा रहे हैं। स्कूल के पास बच्चों को बिठाने के लिए न तो फर्नीचर है और न मैट पूरे हो रहे हैं।

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मुख्याध्यापिका बोली, नहीं मिल रही सरकार से ग्रांट

मुख्याध्यापिका शहनाज ने बताया कि स्कूल में चार कमरे हैं, जिनकी हालत खस्ता है और भी फर्श टूटा हुआ है। बारिश में स्कूल में दो-दो फुट पानी भर जाता है। पीडब्ल्यूडी ने जुलाई, 2018 को स्कूल के कमरों को असुरक्षित घोषित किया है, जिसकी सूचना डीईओ व प्रशासन को भी दी गई है। उन्होंने कहा कि बाहर जगह कम होने पर कई बार गुरुघर में क्लासें लगानी पढ़ती हैं। बावजूद इसके विभाग से अभी तक स्कूल की मरम्मत के लिए कोई ग्रांट नहीं आई। जहां मिड-डे-मील का खाना बनाया जाता है, उस रसोई की हालत भी बहुत खस्ता है।

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रिपोर्ट बनाकर भेजी है, अभी तक नहीं आया कोई जवाब : डीईओ

डीईओ प्राइमरी फिरोजपुर कुलविंद्र कौर ने बताया कि इस बारे में सारी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है। जब कोई जवाब आएगा तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। हम खुद भी बच्चों की सुरक्षा के प्रति इस मौसम के कारण बाहर क्लासें लगाने को लेकर चिंतित है।

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स्कूल को सुरक्षित जगह शिफ्ट करने के जारी किए हैं आदेश : डीसी

डीसी चंद्र गैंद ने कहा कि उन्होंने तुरंत डीईओ प्राइमरी को रिपोर्ट देने के लिए कहा है। बच्चों की क्लासें खुले आसमान में न लगाने की हिदायत की है। उन्होंने कहा कि इमारत असुरक्षित होने के कारण तुरंत स्कूल को किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।


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