ग्रामीण महिलाओं की नई उड़ान की प्रतीक बनीं पंजाब की संतोष रानी, जानें नई सोच की कहानी
फिरोजपुर के एक गांव की घरेलू महिला नई सोच और नारी शक्ति की ऊंची उड़ान की मिसाल बन गई हैं। वह व्यवसायिक वाहन से अपना कारोबार चलाने के संग स्वाबलंबन की राह दिखा रही हैं।
फिरोजपुर, [अमनदीप सिंह]। पंजाब के गुरुहरसहाय क्षेत्र के गांव मोहन के उताड़ की संतोष रानी ग्रामीण महिलाओं की नई सोच और उड़ान की प्रतीक बन गई हैं। एक साधारण घरेलू महिला से बिजनेस वूमेन बनने का उनका सफर दूसरों को प्रेरणा देती है। सतोष रानी पंजाब में महिलाओं के सशक्तीकरण और उनके जीवन में बदलाव की मिसाल हैं। संतोष से प्रेरित होकर क्षेत्र में कई महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होकर परिवारों का सहारा बन रही हैं। संतोष लोन लेकर कामर्शियल वाहन खरीदने के बाद आज लोडिंग-अनलोडिंग का व्यवसाय कर रही हैं। इससे परिवार की माली हालत में सुधार हो रहा है।
संतोष रानी बेहद सामान्य परिवार से हैं। पति गांव में ही लोगों का छोटा-मोटा इलाज कर किसी तरह परिवार का गुजारा कर रहे थे। उनके तीन बच्चे हैं। परिवार का मुफलिसी में किसी तरह गुजारा हो रहा था। इसी बीच संताेष रानी को आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के बारे मेें पता चला। दरअसल, ग्रामीण महिलाएं को सशक्त बनाने और उनकी जिंदगी में बदलाव लाने में आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना बेहद कारगर साबित हो रही है।
इस बारे में संतोष रानी ने अपने पति से चर्चा की। उनको पता चला कि योजना के अंतर्गत जिले की कई महिलाओं ने अपना कारोबार शुरू किया है और अपने परिवार को आर्थिक तौर पर मजबूत किया है। पति के तैयार हो जाने के बाद संतोष रानी ने सुखमनी आजीविका सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से कामर्शियल वाहन खरीदने के लिए लोन लिया। यह लोन बगैर ब्याज के मिला। इस लोन की मदद के साथ संतोष रानी ने व्यावसायिक वाहन खरीदा और अब अपना कारोबार कर रही हैं।
ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी में बदलाव ला रही आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना
संतोष रानी ने बताया कि वह सुखमनी आजीविका सेल्फ हेल्प ग्रुप से पांच साल से जुड़ी हैं। उनके पति गांव में ही मामूली इलाज का काम करते थे। पति की आमदनी से तीन बच्चों सहित परिवार का गुजारना चलाना काफी मुश्किल होता था। फिर ग्रुप जुड़े रहने के दौरान सरकार की तरफ से आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के बारे जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने अपना रोजगार शुरू करने के लिए 5.20 लाख रुपये का लोन हासिल किया। इस लोन के लिए कोई ब्याज नहीं देना होता है।
अब पति के साथ खुशहाल जीवन बिता रही संतोष
इस राशि से संतोष और उसके पति मुख्तयार ने एक टाटा गाड़ी खरीदी और जिले के अलावा जिले के बाहर भी सब्जी, हार्ड मैटीरियल आदि की लोडिंग-अनलोडिंग का काम शुरू किया। इस काम से उन्हें अच्छी आमदनी होने लगी। संतोष के इस कदम ने परिवार की किेस्मत बदल दी और उनके जीवन का पहिया आगे ही बढ़ता जा रहा है।
संतोष ने बताया कि उसके तीन बच्चे है। उनका पालन-पोषण बेहतर तरीके से करने के साथ वह उनको अच्छे स्कूल में भी पढ़ा पा रही हैं। लोन की आसान किश्तें बैंक में हर महीने जमा कर दे रही हैं। संतोष का कहना है कि गरीबों को इस प्रकार से कोई लोन पहले मुहैया नहीं मिल पाता था।
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कंधे से कंधा मिलाकर पति ने की बड़ी आर्थिक मदद
संतोष रानी को उनकी नई राह में पति मुख्तयार सिंह ने पूरा साथ दिया और पत्नी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। मुखत्यार का कहना है कि वह चिकित्सा का कुछ काम जानते थे और गांव में लोगों की छोटी-मोटी चिकित्सा का काम करते थे। इससे परिवार का गुजारा चलाना काफी मुश्किल हो रहा था। इसके बाद पत्नी संतोष ने सरकार की योजनाओं के तहत चलाए जा रहे ग्रुपों के साथ जुड़ने और अपना कारोबार चलाने की इच्छा जाहिर की तो वह सहर्ष तैयार हो गए। उन्होंने अपना वाहन खरीद कर अपना खुद का लोडिंग-अनलोडिंग का काम शुरू किया। अब वे खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
मुख्तयार ने कहा कि उन्हें अपनी पत्नी पर गर्व है। गांव में और भी बहुत सारी महिलाएं हैं जो अपने घर को अच्छे से चलाना चाहती हैं, लेकिन उनके पास कोई जरिया नहीं है। उसकी पत्नी ने कोशिश करते हुए खुशहाली का नया मार्ग खोजा। इसके साथ ही उन्होंने योजना के लिए सरकार का भी आभार व्यक्त किया।
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संतोष से प्रेरित हो अन्य महिलाएं भी कर रहीं प्रयास
संतोष रानी दूसरी महिलाओं को भी स्वाबलंबन की राह दिखा रही हैं। उनके प्रेरिेत होकर क्षेत्र के गांव मेघा राय उताड़ की रहने वाली पिंकी रानी ने कार्मशियल वाहन खरीदा है। पिंकी को भी बिना ब्याज के लोन मिला है और उन्होंने व्यावसायिक वाहन टाटा 407 खरीदा है। अब वह अपना कारोबार चलाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही है।
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जिला विकास पंचायत अधिकारी हरजिंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से यह स्कीम ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार मुहैया करवाने और उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। गुरुहरसहाय के गांव मोहन के उताड़ की रहने वाली संतोष रानी को इस योजना के अंतर्गत सुखमनी आजीविका सेल्फ हेल्प ग्रुप ज्वाइन करवाया गया था। इसकी मदद से उन्होंने वाहन खरीदा।