श्रीराम कथा सुनने से होता है जीवन का उद्धार : प्रसाद
आज भौतिकता से मानव जीवन जकड़ा हुआ है।
संवाद सूत्र, जलालाबाद : आज भौतिकता से मानव जीवन जकड़ा हुआ है। लोग अध्यात्म का अनुसरण नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे समय में सरल व सुगम में भाषा-बोली में लिखा गया कि श्रीराम कथा लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकती है। ये प्रवचन श्री कृष्णा मंदिर में नववर्ष के आगमन के उपलक्ष्य में करवाई जा रही श्रीराम कथा के छठे दिन प्रवचन करते हुए कथा व्यास लक्ष्मण प्रसाद शास्त्री ने किए।
उन्होंने श्रीराम कथा के महत्व बारे बताया कि श्री राम कथा सुनने से मानव का कल्याण हो जाता है और उसे यात्नाएं नहीं सहनी पड़ती। मन की परिभाषा देते हुए उन्होंने कहा कि मन विचारों का समूह है। विचार आने से लेकर कर्म होने तक की प्रक्रिया मन की होती है, मन में उठने वाले विचार हमारी जीवन शैली पर गहरा प्रभाव डालते हैं। यही विचार हमारे जीवन की अवधि में घटने वाले सुख-दुख के मूल कारण है। लेकिन इस कार्य का परिणाम भी भोगना पड़ता है, चाहे अच्छा हो या बुरा। इसलिए अपने विचारों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए, क्योंकि यही हमारे भविष्य का निर्माण करते है। हमारी वर्तमान जिदगी हमारे पूर्व कर्मो अर्थात विचारों की ही उपज है। विचार भीड़ की तरह आते है, इनमें से कौन सा अच्छा है या बुरा। इसके लिए विवेक की आवश्यकता है। इस मौके मंदिर कमेटी के प्रधान प्रेम वलेचा व अनिल वलेचा ने बताया कि पांच जनवरी तक रोजाना सायं चार से साढ़े सात बजे तक श्रीराम कथा होगी व पांच जनवरी को हवन के साथ कथा का समापन होगा।