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रेलवे तैयार लेकिन वादा कर मुकर रही कैप्टन अमरिंदर सरकार

कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार के हाथ खींचने और वादे से मुकर जाने के कारण पंजाब में मंजूर कई रेल प्रोजेक्‍ट अधर में लटक गए हैं। सरकार ने इनके लिए मुफ्त जमीन देने से मना कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 12 Jan 2018 10:40 AM (IST)Updated: Fri, 12 Jan 2018 10:40 AM (IST)
रेलवे तैयार लेकिन वादा कर मुकर रही कैप्टन अमरिंदर सरकार
रेलवे तैयार लेकिन वादा कर मुकर रही कैप्टन अमरिंदर सरकार

फिरोजपुर, [प्रदीप कुमार सिंह]। प्रदेश के सभी अहम रेल प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए रेल विभाग तैयार है, लेकिन कैप्टन सरकार ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। तत्कालीन अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने इन रेल प्रोजेक्टों को रेलवे अधिकारियों से मिलकर पास करवाया था। उस समय पंजाब सरकार ने नई रेल लाइन के लिए मुफ्त जमीन उपलब्‍ध कराने का वादा किया था, ले‍किन अब कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार इससे पलट गई है।

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मुकर गए सरकार, नई रेलवे लाइन के लिए मुफ्त में जमीन उपलब्ध करवाने का था वादा

नई रेलवे परियाेजनाओं के लिए उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक, तत्कालीन मुख्यमंत्री और आला अधिकारियों के साथ कई दौर की वार्ता हुई थी। इसमें तय हुआ था कि प्रदेश सरकार जमीन अधिग्रहण कर रेलवे को नि:शुल्क देगी। इसके बाद फाइनल सर्वे कर नई लाइनों के बिछाए जाने के प्रपोजल तैयार कर रेल मुख्यालय भेजा गया औारर इन्‍हे मंजूर भी कर लिया गया। लेकिन, अब प्रदेश सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स से हाथ खींच लिए हैं, जिससे ये अधर में लटक गए हैं।

फिरोजपुर रेलवे मंडल के डीआरएम विवेक कुमार के मुताबिक ब्यास-कादियां (लंबाई 40 किलोमीटर) व फिरोजपुर-पट्टी (लंबाई 25.71 किलोमीटर) के बीच नई रेल लाइन बिछाई जानी थी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने रेलवे को नि:शुल्क जमीन देने का वादा किया था। इन दोनों लाइनों पर क्रमश: 205 व 300 करोड़ रुपये रेलवे द्वारा खर्च किए जाने थे, लेकिन राज्य सरकार द्वारा कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है, जबकि इनका फाइनल सर्वे हो चुका है।

इसी तरह से प्रदेशभर में छह जगहों पर आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) बनाए जाने थे, जिसमें अमृतसर के भंडारी (19.29 करोड़ की लागत) व वेरका में (27.7 करोड़ की लागत) प्रदेश सरकार के खर्चे पर आरओबी बनाए जाने थे। इसका पैसा प्रदेश सरकार ने देने से मना कर दिया है।

इसके अलावा मुक्तसर, फाजिल्का, जालंधर में चार आरओबी 50-50 फीसद शेयङ्क्षरग पर प्रदेश सरकार व रेलवे द्वारा बनाए जाने थे, लेकिन प्रदेश सरकार ने आरओबी के लिए अपने हिस्से के पैसे देने से मना कर दिया, जिससे सभी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे सभी प्रोजेक्टों को शुरू करने के लिए तैयार है। वह अपने हिस्से की राशि भी खर्च कर सकती है, लेकिन शेष कदम प्रदेश सरकार को उठाना है।

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सरकार की उदासीनता का असर

-ब्यास-कादियां (लंबाई 40 किलोमीटर) व फिरोजपुर-पट्टी (लंबाई 25.71 किलोमीटर) के बीच नई रेल लाइन बिछाने का काम लंबित।
-इन दोनों लाइनों पर क्रमश: 205 व 300 करोड़ रुपये रेलवे द्वारा खर्च किए जाने थे, लेकिन राज्य सरकार ने रुचि नहीं दिखाई।
-अमृतसर के भंडारी पुल (19.29 करोड़ की लागत) व वेरका में (27.7 करोड़ की लागत) प्रदेश सरकार के खर्चे पर आरओबी बनाना था।
-मुक्तसर, फाजिल्का, जालंधर में चार आरओबी 50-50 फीसद शेयङ्क्षरग पर प्रदेश सरकार व रेलवे द्वारा बनाया जाना था।
-इनका फाइनल सर्वे हो चुका है।  इनका पैसा प्रदेश सरकार ने देने से मना कर दिया है।


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