निजी स्कूलों की मनमानी के आगे अभिभावक बेबस
फिरोजपुर के निजी स्कूलों की मनमानी के आगे फिरोजपुर के अभिभावक बेबस नजर आ रहे हैं।
अमनदीप सिंह, फिरोजपुर : फिरोजपुर के निजी स्कूलों की मनमानी के आगे फिरोजपुर के अभिभावक बेबस नजर आ रहे हैं। स्कूलों की शिकायत करने को लेकर खुद असमंजस में पड़े हैं कि शिकायत करें या नहीं, क्योंकि उनको इस बात का डर भी सता रहा है कि कहीं उनके स्कूल के खिलाफ आवाज उठाने के चलते उनके बच्चों का स्कूलों में से नाम न काट दिए जाए। फिलहाल दबी जुबान कुछेक अभिभावकों ने स्कूलों की तरफ से विद्यार्थियों की फीस भरने के लिए वाट्सएप या मैसेज किए स्क्रीनशाट भेजे हैं और साढ़े तीन-तीन सौ रुपये डेवलपमेंट चार्जेस पर एतराज जताया है। इस संबंध में डीईओ ने साफ किया है कि अभिभावकों को उनके पास लिखित में शिकायत देने होगी, ताकि कार्रवाई के लिए उसे चंडीगढ़ भेजा जा सके।
22 मार्च से कोरोना काल के कारण सरकार ने एहतियात बरतते हुए सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश दे दिए थे। इस दौरान स्कूलों को भी विद्यार्थियों से फीस न लेने या लेने को लेकर कई बार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह अलग-अलग ब्यान देते रहे हैं, ऐसे में गैर सरकारी स्कूलों के लिए एकदफा उन्होंने बयान दिया था कि प्राइवेट स्कूल फीस नहीं लेंगे। फिर एक बयान में उन्होंने ऑनलाइन क्लासें लगाने की एवज में निजी स्कूल अभिभावकों से फीस ले सकते हैं, भी कहा था और इस संबंध में सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन निकाली, लेकिन इससे पहले निजी स्कूलों की तरफ से भी अदालत में केस कर दिया गया था, जिसके बाद फीसें लेने के कुछ मानक तैयार हुए, लेकिन निजी स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को फीसें लेने के बारे में अच्छे अवगत नहीं करवाया गया है, जिस कारण अभिभावक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
उनका कहना है कि उन्हें फिरोजपुर के एक निजी स्कूल की तरफ से मैसेज करके फीसें मांगी जा रही है जिसके में 350-350 रुपये डेवलपमेंट चार्जेस भी लगाए गए हैं। अप्रैल माह से लेकर अब जुलाई माह तक का भुगतान करने के लिए कहा है, लेकिन वे असमजंस में पड़े हैं कि आखिर डेवलपमेंट चार्जेस किस चीज के लिए जा रहे हैं, जबकि स्कूल बंद है और बच्चे घरों में है। ऐसे में स्क्रीनशाट भेजकर अभिभावकों की तरफ से रोष जताया जा रहा है। कार्रवाई के लिए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग को लिखेंगी : डीईओ
डीईओ कुलविद्र कौर ने बताया कि सरकार की नोटिफिकेशन और निजी स्कूलों की तरफ से अदालत में किए केस को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी। अब कुछ अभिभावकों को डेवलमेंट चार्जेस या किसी भी प्रकार के चार्ज पर एतराज है तो वह उन्हें लिखित में शिकायत दें, अगर उसमें कुछ वाजिब होगा तो वह उसकी फाइल बनाकर शिक्षा विभाग चंडीगढ़ के उच्चाधिकारियों को भेजने के लिए तैयार है।