कागजों में रिकार्ड बदल ऐसे चला खेल, BSF को 1.11 करोड़ में बेच दी केंद्र की जमीन, कानूनगो बर्खास्त
फिरोजपुर में पटवारी ने धोखे से केंद्र सरकार की जमीन का मालिकाना रिकॉर्ड बदलकर इसे BSF को बेच दिया और 1.11 करोड़ रुपये हड़प लिए।
जेेेेएनएन, फिरोजपुर। फिरोजपुर में पटवारी ने धोखे से केंद्र सरकार की जमीन का मालिकाना रिकॉर्ड बदलकर इसे सीमा सुरक्षा बल (BSF) को बेच दिया और 1.11 करोड़ रुपये हड़प लिए। धोखाधड़ी का खुलासा उस वक्त हुआ जब जमीन पर खेती करने वाला किसान अर्जुन सिंह अदालत पहुंचा।
2013 में जमीन का इंतकाल BSF के नाम होने के बाद किसान ने न्यू मोहम्मदी वाला BSF चौकी की दस कनाल जमीन पर अपना हक जताया। अर्जुन सिंह BSF चौकी की जिस जमीन पर अपना दावा कर रहा था, उसे BSF ने दो लोगों बिल्लू सिंह व अमृतवीर सिंह से 2012 में खरीदा था।
BSF ने 2013 में खरीदी छह एकड़ (46 कनाल) जमीन की एवज में दोनों को 1,11,08,236 रुपये का भुगतान 23-23 कनाल के हिसाब से दो ड्राफ्ट के जरिये किया था। इसके बाद तत्कालीन पटवारी बलकार सिंह ने जमीन का इंतकाल BSF के नाम कर दिया। अब एडीसी की जांच रिपोर्ट के बाद डीसी ने फिरोजपुर छावनी के पटवारी से प्रमोशन के बाद बने कानूनगो बलकार सिंह को बर्खास्त करते हुए एसएसपी विवेक शील को कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की है।
अक्टूबर 2018 में पोस्ट की कमान संभालने वाली BSF की 136 बटालियन ने पहले अपने स्तर पर मामले की पड़ताल की तो पाया गया कि जमीन रिकॉर्ड में उसका नाम नहीं है। जांच में पता चला कि सारी गड़बड़ी तत्कालीन पल्लामेघा गांव के पटवारी रहे बलकार सिंह (अब फिरोजपुर छावनी के कानूनगो) ने की है। BSF ने जिन दो लोगों से जमीन लेकर पैसे दिए थे, उनका पल्ला मेघा गांव से कोई संबध नहीं है। इसके बाद BSF अधिकारियों ने जून 2019 में जिले के डिप्टी कमिश्नर को शिकायत सौंप कर जांच की मांग की।
डीसी चंद्र गैंद ने मामले की जांच एडीसी जनरल को सौंपी। डीसी गैंद ने बताया कि कानूनगो बलकार सिंह पटवार सर्किल पल्ला मेघा में बतौर पटवारी तैनात था। उसने इस इलाके में 46 कनाल जमीन के मालिकाना रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर अपने साले बिल्लू सिंह और एक अन्य जानकार अमृतवीर सिंह के नाम कर दिया गया। उन्हें जमीन अधिग्रहण की राशि भी दिलवा दी गई। इससे सरकारी खजाने को 1,11,08,236 का भी नुकसान हुआ। जांच के बाद कानूनगो बलकार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। एसएसपी को कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
केंद्र सरकार की जमीन पर खेती करते हैं किसान
फिरोजपुर जिले में भारत-पाकिस्तान सरहद से सटकर 18 हजार हेक्टेयर ऐसी जमीन है, जो केंद्र सरकार के नाम पर है, लेकिन इस जमीन पर आसपास के गांव के किसान खेती करते हैं, जिसकी गिरदावरी किसानों के नाम पर है। यानी मालिक केंद्र सरकार है, लेकिन इस पर होने वाली फसल के के मालिक किसान हैं। फसल बर्बाद होने या जमीन बेचे जाने पर वे मुआवजे के हकदार हैं। BSF को दी गई 46 कनाल जमीन भी इसी का हिस्सा है।
ऐसे पड़ी धोखाधड़ी की नींव
1988 की बाढ़ में BSF की ओल्ड मोहम्मदी चौकी के डूब जाने के बाद सतलुज दरिया पार भारतीय किसानों की फसल को पाकिस्तानी पशु नुकसान पहुंचाते थे। BSF ने 1994-95 के बीच न्यू मोहम्मदी वाला नाम से एक और चौकी सरहद के नजदीक बनाने का फैसला किया। इसके लिए 2002 में जमीन के लिए नोटिफिकेशन हुई। उस समय बलकार सिंह राजस्व गांव पल्ला मेघा का पटवारी था, जिसने रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर मालिकाना हक बदल दिया।
साढ़े सात लाख प्रति एकड़ मुआवजा
बिल्लू व अमृतवीर को साढ़े सात लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब मुआवजा दिया गया। यहीं नहीं मुआवजा मिलने में हुई देरी पर 17 साल व तीन महीने का 15 फीसद की दर से ब्याज व 30 फीसद विशेष भत्ता (उजाड़ा भत्ता) भी दिया गया। BSF के अधिकारी इस विषय में कुछ बोलने से इन्कार कर रहे हैं।
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