डेंगू मरीजों की संख्या बताने से भाग रहा सेहत विभाग
बीते चार साल में डेंगू का प्रकोप झेल रहे फिरोजपुरवासी इस बार भी खौफजदा हैं।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : बीते चार साल में डेंगू का प्रकोप झेल रहे फिरोजपुरवासी इस बार भी खौफजदा हैं, क्योंकि सितंबर से पैर पसार चुके इस फीवर का शिकार हुए मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके सेहत विभाग के अधिकारी पॉजटिव पाए जाने वाले मरीजों की संख्या बताने से भाग रहे हैं। अधिकारियों का जवाब है कि आलाकमान का आदेश हैं कि डेंगू मरीजों की संख्या को बताया न जाए। विभागीय सूत्रों के अनुसार पॉजेटिव पाए जाने वाले मरीजों की संख्या अभी तक करीब 80 के आसपास पहुंच चुकी है। सिविल अस्पताल में सितंबर में 10 मरीज इलाज करवा चुके हैं, जबकि स्टाफ का कहना है कि यह सरकारी अस्पताल की संख्या है और निजी अस्पतालों में कितने मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके बारे में बताया नहीं जा सकता।
बीते दो साल में 950 से अधिक मरीज आए सामने
विभागीय रिकॉर्ड के मुताबिक 2015 से डेंगू मच्छर का प्रकोप बढ़ा था। 2018 तक मरीजों की संख्या करीब पौने दो हजार के लगभग पहुंच थी। बीते दो सालों के आंकड़ों में करीब 975 मरीजों में डेंगू बुखार पाया गया था। इसमें 2017 के दौरान 550 मरीजों को डेंगू बुखार होने की पुष्टि हुई थी, जबकि 2018 के दौरान 425 लोगों में डेंगू पाया गया था।
नही थम रहा डेंगू का प्रकोप, विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल
शहरवासी सूरज, विकास, प्रताप सिंह, बलदेव कुमार, निशान सिंह आदि का कहना है कि डेंगू से निपटने के लिए सेहत अधिकारी बड़े-बड़े दावें करते हैं। लेकिन न तो दवा का छिड़काव करवाया जाता है और न ही लारवा ढूंढने की ज्यादातर कोशिश की जाती है। यही कारण है बीते सालों से डेंगू का प्रकोप बढ़ा है। अधिकारियों की यही कार्यप्रणाली मच्छर के प्रति लापरवाह होने के सवाल खड़े कर रही है। नगर कौंसिल के अधिकारी भी बीते नौ माह के दौरान 11 जगहों से ही डेंगू का लारवा ढूंढने में सफल रहे हैं। जेल विभाग के गांधी नगर स्थित क्वार्टरों में जिस तरह साफ पानी खड़ा रहता है वहां पर डेंगू मच्छर के पैदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता ।
सेहत विभाग के अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
डेंगू व मलेरिया ब्रांच की इंचार्ज डॉ. मीनाक्षी ने कहा कि आलाधिकारियों का आदेश है कि डेंगू के मरीजों की संख्या को गुप्त रखा जाए। दूसरी तरफ आर्जी तौर पर सिविल सर्जन का कार्यभार संभाले डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि वह मरीजों की संख्या नहीं बता सकते, क्योंकि आदेश न बताने का है, सिविल सर्जन ड्यूटी पर आ जाएंगे तो वह ही बता सकेंगे।