Move to Jagran APP

एनएचएम कर्मी करेंगे विधायकों का घेराव

सेहत विभाग में रेगुलर होने की मांग को लेकर 19वें दिन भी नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) मुलाजिम काम छोड़ हड़ताल पर रहे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 09:42 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 09:42 PM (IST)
एनएचएम कर्मी करेंगे विधायकों का घेराव
एनएचएम कर्मी करेंगे विधायकों का घेराव

संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : सेहत विभाग में रेगुलर होने की मांग को लेकर 19वें दिन भी नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) मुलाजिम काम छोड़ हड़ताल पर रहे। वहीं मांगों को लेकर मुलाजिमों ने सोमवार को विधायकों का घेराव करने का फैसला लिया है।

loksabha election banner

वहीं हड़ताल के कारण सेहत विभाग की 80 फीसद सेवाएं प्रभावित होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ चुकी है। कोविड टीकाकरण से लेकर बच्चों का टीकाकरण रुका हुआ है । कई लोगों को बिना टीकाकरण के लौटना पड़ रहा है। सिविल अस्पताल में धरने पर बैठे यूनियन नेता बगीचा सिंह ने कहा कि स्टेट बाडी की तरफ से जारी दिशा निर्देशनुसार सोमवार को विधायकों की रिहायशों के आगे दो से तीन घंटे तक रोष धरना दिया जाएगा । इस मौके रेगुलर जत्थेबंदियों के नरेंद्र शर्मा, रामप्रसाद, और रोमन अत्री ने चेतावनी दी कि यदि सरकार एनएचएम मुलाजिमों को पक्के करने या रेगुलर पे -स्केल बाबत कोई हल नहीं करती तो सरकार को इस संबंधी आने वाले दिनों में गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। इस मौके जोगिंद्र सिंह, हरमिन्नरपाल सिंह (लक्की), प्रभजोत कौर, रवि चोपड़ा, जसविंदर कौर और विकास कुमार आदि मौजूद थे। ट्रक आपरेटरों ने जाम लगाकर किया प्रदर्शन संवाद सूत्र, फाजिल्का : आल पंजाब ट्रक एकता यूनियन के आह्वान पर ट्रक आपरेटरों की ओर से मांगों को लेकर फाजिल्का के डीसी चौक में शनिवार को जाम लगाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस मौके ट्रक आपरेटर वेलफेयर सोसयटी के अध्यक्ष निरंजन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार से कैंसिल की गई ट्रक यूनियन बहाल करने की मांग की जा रही है, ताकि ट्रक आपरेटरों को उनकी रोजी-रोटी मिल सके।

उन्होंने बताया कि पांच साल पहले पंजाब सरकार की ओर से ट्रक यूनियनें कैंसिल की गई थी, जिसके चलते उनके सिर पर कर्ज चढ़ गए हैं व रोजी-रोटी को मोहताज हो गए हैं। उन्होंने बताया कि ट्रक के ड्राइवर दिहाड़ियां करने लगे और कंडक्टर के तो बुरे हाल हैं। इसके उलट सरकार ने उन पर टैक्स भी बढ़ा दिए, जबकि उनकी कमाई बहुत कम हो गई है। उन्होंने बताया कि इससे पहले यूनियन के पास 422 ट्रक थे, जो घटकर 210 रह गए हैं। इस मौके एक ट्रक चालक ने बताया कि उसने 50 साल ड्राइवरी की है। इससे पहले उसके पास 50 ट्रक थे, लेकिन अब उसके पास एक भी ट्रक नहीं बचा। उन्होंने बताया कि वह सात नवंबर को मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी से मिलकर ट्रक यूनियन को बहाल करने की मांग की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.