कमल शर्मा के निधन पर हर आंख हुई नम, जिलावासियों ने खोया मिलनसार नेता
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं पूर्व प्रदेश प्रधान कमल शर्मा के घर से लेकर जीरा गेट श्मशानघाट तक शवयात्रा के रास्ते से जुड़ने वाले मार्गो को बंद किया गया था।
अमनदीप सिंह, फिरोजपुर : भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं पूर्व प्रदेश प्रधान कमल शर्मा के घर से लेकर जीरा गेट श्मशानघाट तक शवयात्रा के रास्ते से जुड़ने वाले मार्गो को बंद किया गया था। हजारों लोगों ने शव यात्रा में पहुंचकर दिवंगत को अंतिम विदाई दी। सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तरफ से कड़े प्रबंध किए गए। जिन रास्तों पर रस्सी बांधकर ट्रैफिक रोकी गई थी, वे लोग भी बिना कोई जल्दबाजी किए रुके हुए थे।
कमल शर्मा के घर से लेकर रास्ते में मल्लवल रोड, शहीद उधम सिंह चौक, बगदादी गेट मक्खू गेट तक रास्ते में सफाई करने के बाद पानी की बौछारें की गई। शवयात्रा मक्खू गेट से होकर जीरा गेट तक पहुंची। इससे पहले नम आंखों के साथ लोग शवयात्रा के गुजरने के रास्ते में दोनों हाथ जोड़े खड़े रहे और शवयात्रा नजदीक पहुंचने पर फूल चढ़ाकर दिवंगत कमल शर्मा को श्रद्धांजलि दी। हर किसी का यही कहना था कि कमल शर्मा राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ मिलनसार थे। जब भी किसी शहरी या किसी भी व्यक्ति को उनके साथ काम पड़ा, चाहे वह फिरोजपुर में हो या चंडीगढ़ में हो, हमेशा मदद के लिए खड़े होते थे। कमल शर्मा का प्यार ही तो था, जो हजारों की संख्या में लोगों को एकसाथ फिरोजपुर में इकट्ठा कर गया। फिर अकेले फिरोजपुर के ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न कोनों से लोग उनकी अंतिम यात्रा में पहुंचे थे।
कमल शर्मा का बेटा सुसमित चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। बेटी शभ्रा चंडीगढ़ में ही भवंस विद्यालय में 11वीं की छात्रा है। दीवाली पर छुट्टियों के चलते सभी घर में इकट्ठा हुए थे। अचानक हुए हादसे से बेखबर परिवार के लोगों ने दीवाली से पहले जमकर खरीदारी की हुई थी, लेकिन इससे पहले ही शर्मा परिवार की खुशिया गम में बदल गई कमल शर्मा के माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। संयुक्त परिवार में बड़े भाई भी काफी समय पहले गुजर चुके हैं, लेकिन उनकी पत्नी और उनके बच्चे एक साथ फिरोजपुर के प्रीत नगर स्थित एक ही कोठी में रहते हैं।
जिले के भाजपा-शिअद नेता पहुंचने वाले थे दीवाली की बधाई देने
भाजपा के जिला प्रधान दविद्र बजाज अपने साथियों के साथ हर साल की तरह इस बार भी कमल शर्मा के घर पहुंचने वाले थे और एक दूसरे को बधाई देने की तैयारी की थी। अकाली दल से नेतागण भी कमल शर्मा के स्वभाव से इतने नजदीक हो गए थे कि वे भी दीवाली पर उनके घर पहुंचे और शादी जैसा माहौल बन जाता। कमल शर्मा के निधन से शहरवासियों में भी शोक की लहर दौड़ गई।
श्मशानघाट के शेड़ों पर चढ़े हुए थे लोग
कमल शर्मा से उनके चाहने वालों की दिल्लगी इतनी ज्यादा थी कि श्मशानघाट में उनके परिवार वालों को बमुश्किल से उनका चेहरा दिखाया जा सका। लोगों की भीड़ को साइड करने के बाद पत्नी व बच्चों को उनका अंतिम बार चेहरा दिखाया गया। इसके अलावा लोग श्मशानघाट के शेडों पर चढ़कर दाह संस्कार देखते रहे।