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सीमा से सटे इस गांव की बेटियां हैं बेमिसाल, हासिल कर रहीं शानदार मुकाम

तूत गांव में लड़कियों की तूती बोलती है। 1200 की आबादी वाले गांव में हैंडबॉल की 13 राष्ट्रीय व 21 राज्यस्तरीय खिलाड़ी हैं। ज्यादातर लड़कियों के पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 06 Sep 2016 09:26 AM (IST)
सीमा से सटे इस गांव की बेटियां हैं बेमिसाल, हासिल कर रहीं शानदार मुकाम

फिरोजपुर [प्रदीप कुमार सिंह]। भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसे फिरोजपुर जिले के तूत गांव में हैंडबॉल की तूती बोलती है। गांव का नाम रोशन किया है यहां की बेटियों ने। 1200 की आबादी वाले गांव में हैंडबॉल की 13 राष्ट्रीय व 21 राज्यस्तरीय खिलाड़ी हैं। इनमें से पांच खिलाड़ी अंडर-16 और अंडर-17 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी खेल चुकी हैं। जूनियर टीम में भी यहां की खिलाड़ियों का दबदबा है। एक खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रह चुकी है। इसके अलावा करीब 20 मंडलस्तरीय खिलाड़ी भी तैयार हो चुकी हैं।

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यह सब हुआ है गांव के सरकारी स्कूल में तैनात साइंस अध्यापक जसवीर सिंह की बदौलत। वह वर्ष 2001 में यहां तैनात हुए। वह लड़कियों की दशा को लेकर काफी चिंतित थे। कुछ लड़कियों में खेल की ललक को देखते हुए उन्होंने तत्कालीन जिला हैंडबॉल कोच बलवंत सिंह की सलाह पर लड़कियों को एकजुट किया और हैंडबॉल की प्रेक्टिस शुरू की। इसकी बदौलत 2009 से उनके गांव की लड़कियां राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर परफॉर्म करने लगीं। इस गांव की लड़कियां अब तक नेशनल के 40 व स्टेट स्तर के 200 से अधिक गोल्ड एवं अन्य मेडल जीत चुकी हैं। कुछ खिलाड़ी विदेश में सेटल हो गई हैं और कुछ को बेहतर खेल की बदौलत सरकारी नौकरी मिल गई है। इस समय पुलिस भर्ती प्रक्रिया में भी छह लड़कियां ट्रायल पास कर चुकी हैं। खास बात यह है कि ये सभी खिलाड़ी साधारण परिवारों से हैं। ज्यादातर लड़कियों के पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।

ग्रामीणों के सहयोग से बनाया मैदान

साइंस अध्यापक जसवीर सिंह ने बताया कि 2011 में ग्रामीणों के सहयोग से तीन लाख रुपये की लागत से आधुनिक मैदान तैयार किया। यहां अब रोजाना लड़कियां प्रेक्टिस करती हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की टीम में आधी गांव की ही लड़कियां हैं। जिला खेल अधिकारी सुनील कुमार व खेल विभाग के कोच जगमीत सिंह ने बताया कि सरकार अच्छी सुविधाएं मुहैया करवा रही है। 34 खिलाड़ियों को डाइट के लिए डे-स्कॉलर के रूप में चुना गया है। राष्ट्रीय खिलाड़ी अमनदीप कौर ने राष्ट्रीय खेलों में सात बार गोल्ड व अन्य मेडल हासिल किए हैं।

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डीएवी ने उठाया नि:शुल्क शिक्षा का बीड़ा

गांव के सरपंच गुरतेज सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले तक अधिकतर अभिभावक अपनी बेटियों को 12वीं के बाद नहीं पढ़ाते थे, लेकिन अब गांव की सभी खिलाड़ियों को कॉलेज स्तर पर नि:शुल्क शिक्षा देने के लिए डीएवी कॉलेज आगे आया है। डीएवी गल्र्स कॉलेज फिरोजपुर की प्रिंसिपल डॉ. सीमा ने बताया कि गांव तूत की 14 खिलाड़ी कॉलेज में पढ़ रही हैं, जिन्हें नि:शुल्क शिक्षा दी जा रही है। उन्हें घर से कॉलेज आवागमन के लिए वैन की भी सुविधा दी जा रही है।

राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली खिलाड़ी

परमजीत कौर, राजवीर कौर, हरजिंदर कौर, संदीप कौर, सिमरनजीत कौर, अमनदीप कौर, जगदीप कौर, प्रवीण कौर, सुखजीत कौर, सतवीर कौर, मनजिंदर कौर, अमृतपाल कौर, मनप्रीत कौर।

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