राधाअष्टमी पर गोसेवा करना अति शुभ है: कलानी
26 अगस्त को राधाष्टमी का पर्व है। इस दिन को राधा जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार राधा जी की पूजा के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी जाती है।
जासं, अबोहर : 26 अगस्त को राधाष्टमी का पर्व है। इस दिन को राधा जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार राधा जी की पूजा के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। राधाष्टमी पर गोसेवा करना शुभ माना जाता है। गोशाला प्रबंध कमेटी के प्रधान फकीर चंद गोयल व महासचिव राकेश कलानी ने बताया कि राधाष्टमी के दिन गोशाला में गोसेवा करके अधिक से अधिक लोग पुण्य कमाएं।
उन्होंने बताया कि इस बार राधा अष्टमी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की पूजा कर सकते हैं और यह सेवा गोशाला में गोसेवा करके भी हो सकती। मान्यता है कि राधा रानी संपूर्ण जगत को परम आनंद प्रदान करती हैं। राधा रानी को मोक्ष देने वाली और संपूर्ण जगत की जननी माना जाता है। इस दिन स्वार्थ सिद्धि योग सुबह पांच बजकर 56 मिनट से दोपहर एक बजकर 04 मिनट तक रहेगा। वहीं इसी समय पर अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। यानी सुबह पांच बजकर 56 मिनट से दोपहर एक बजकर 04 मिनट तक यह योग रहेगा। इस शुभ दिन पर हम गोसेवा करके श्रीकृष्ण व राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। इसलिए हमें गाय माता की सेवा के लिए दिल खोलकर आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोसेवा से पुण्य की प्राप्ति होती है और मानव जीवन सार्थक हो जाता है।