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गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स यूनियन पंजाब ने नई शिक्षा नीति को नकारा

केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा घोषित की गई नई शिक्षा नीति वर्ग में चर्चा का विषय बन गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 10:07 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 10:07 PM (IST)
गवर्नमेंट स्कूल टीचर्स यूनियन पंजाब ने नई शिक्षा नीति को नकारा

संवाद सूत्र, जीरा,(फिरोजपुर) : केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा घोषित की गई नई शिक्षा नीति वर्ग में चर्चा का विषय बन गई है। इस नीति में कुछ सकारात्मक पहलुओं को छोड़कर बाकी सभी पहलू भाजपा व सहयोगी आरएसएस का छुपा हुआ एजेंडा इस नीति के जरिए पेश किया जा रहा है।

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यह बात गवर्नमेंट स्कूल टीचर यूनियन के प्रदेश प्रधान सुरेंद्र पुआरी, महासचिव बलकार सिंह वल्टोहा, वित्त सचिव नवीन सचदेवा, सीनियर उप प्रधान प्रेम चावला ने कही। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति स्पष्ट नहीं है। यह नीति कॉरपोरेट जगत के हितों की पूर्ति करते हुए आरएसएस के सिद्धांत लागू करने वाली साबित होगी। उन्होंने कहा कि 1968 में पार्लियामेंट में सर्वसम्मति से पारित हुए कोठारी कमीशन निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को नजरअंदाज किया गया है और शिक्षा नीति को पार्लियामेंट में विचार किए बिना ही लागू कर दिया गया है। सरकार 14 वर्ष की आयु के बच्चे के निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा कानून को आगे बढ़ाने की बजाये इस विषय पर चुप है। उच्च शिक्षा को कारपोरेट जगत के हाथों में सौंप दिया है। सरकार को चाहिए कि 12वीं तक निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून पास करके कोठारी कमीशन को सर्वसम्मति के साथ लोकसभा से पास करके नीति को आधार बनाएं।


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