अतिक्रमण निगल गया रेलवे का गंदा नाला
फिरोजपुर मंडल के अंतर्गत रेलवे के अधीन आता टैंकांवाली बस्ती का गंदा नाला भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया।
अमनदीप सिंह, फिरोजपुर : फिरोजपुर मंडल के अंतर्गत रेलवे के अधीन आता टैंकांवाली बस्ती का गंदा नाला भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया। अब यह नाला ढूंढने से भी नहीं मिलता है, लेकिन सच्चाई यही है कि गंदे नाले पर अतिक्रमण करने वालों ने इसका वजूद ही खत्म कर दिया। अब नाला अंडरग्राउंड हो गया, लेकिन उसके ऊपर दो-दो मंजिला पक्की इमारतें और दुकानें बन चुकी है, जिन्हें हटाना अब और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद रेलवे जिला प्रशासन की मदद के साथ ठोस कार्रवाई भी कर सकता है।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक फिरोजपुर कैंट की बस्ती टैंकावाली में 30-40 फीट गंदा नाला है, जोकि रेलवे अंडरब्रिज के बराबर ऊपर से जाता था। यह नाला रेलवे की संपत्ति है। इसके साथ ही रेलवे ने लोको शेड सीक लाइन पर जाने के लिए रेलवे लाइन के साथ एक कच्चा रास्ता बनाया हुआ था, जोकि अब पक्का बन चुका है। स्थानीय लोगों ने रेलवे के इस गंदे नाले पर एकाएक अतिक्रमण कर लिया और वर्तमान में गंदा नाला ढूंढने पर भी नहीं मिलता है, क्योंकि अतिक्रमणकारियों ने जगह-जगह से सिफारिशें करवा दी, जिसके चलते गंदा नाला अंडरग्राउंड हो गया।
फिरोजपुर मंडल के डीआरएम की तरफ से पांच साल पहले लोगों को नाले से हटने के लिए कहा गया था। बाकायदा अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन मंत्री, विधायकों और कुछ नामी लोगों ने अपने वोट बैंक के लालच में नोटिस को ठेंगा दिखा दिया और अतिक्रमण नहीं हटने दिया। तब से लेकर अब तक अतिक्रमण नहीं हटा। मौजूदा समय में दो-दो मंजिला पक्की इमारतें बन चुकी है, जहां लोग भी रहते हैं और नीचे दुकानें बनी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सुरक्षा के लिहाज के साथ रेल पटरियों के किनारे बसी झुग्गियों को हटाने के निर्देश दिए हैं, जिसका संज्ञात लेते हुए फिरोजपुर रेल मंडल भी हरकत में आया है और डिवीजन के विभिन्न स्टेशनों की रेल पटरियों पर अतिक्रमण की जानकारी मांगी है। मामले की जांच करवाएंगे : सुशील कुमार
रेलवे के डिविजनल इंजीनियर हेडक्वार्टर सुशील कुमार ने इस अतिक्रमण के बारे में अज्ञानता जाहिर की है और कहा कि मामले की अपनी टीम के माध्यम से जरूर जांच करवाएंगे कि कहां पर रेलवे संपत्ति है और क्या स्टेटस है।