गैंगस्टरों तक मोबाइल, जेल की सुरक्षा में लग सकती है सेंध
फिरोजपुर : फिरोजपुर केंद्रीय जेल में बंद गैंगस्टरों तक मोबाइल पहुंचना जेल की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है।
दर्शन ¨सह, फिरोजपुर : फिरोजपुर केंद्रीय जेल में बंद गैंगस्टरों तक मोबाइल पहुंचना जेल की सुरक्षा में सेंध लगा सकता है। जेल प्रशासन की ओर से मोबाइल के साथ पकड़े जाने पर ब¨ठडा, तरनतारण जिले के जिन दो गैंगस्टरों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है। वे दोनों पहले ही दर्जन भर से ज्यादा गंभीर अपराधों में वांछित है। इन गैंगस्टरों के पास से मोबाइल मिलना जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान उठा रही है।
हाई स्किोरिटी के बीच रहने वाले इन गैंगस्टरों को किस ने मोबाइल दिया वह भले ही पुलिस की चलने वाली लंबी जांच में न भी मिले, लेकिन अगर ऐसे अपराधियों के पास मोबाइल पहुंच सकता है तो हथियार पहुंचने से इंकार नहीं किया जा सकता। सू्त्रों के अनुसार नामजद गैंगसटरों में से एक कैदी, जोकि ब¨ठडा के गांव जय ¨सह वाला का निवासी है, उस पर करीब 15 केस दर्ज हैं, सभी मामलों में अभी वह ट्रायल पर है। दूसरा गैंगस्टर जिला तरनतारन के गांव ढोटियां का रहने वाला है और वह कैदी जसबीर ¨सह के नाम का है।
जेल के बाहर जो इतने क्राइम को अंजाम दे चुके हैं, वे कैदी जेल के सुरक्षा प्रबंधों से किसी भी तरह खिलवाड़ कर सकते हैं, इनसे मोबाइल मिलना इस बात का सबूत है। इन गैंगस्टरों तक मोबाइल पहुंचाने का काम बिना मिलीभगत के संभव नहीं है।
चार दिन पहले मिला था गैंगस्टरों के मोबाइल
थाना सिटी में दर्ज पर्चे के मुताबिक गैंगस्टरों से जो मोबाइल मिला था वह चार दिन पहले की बात है। थाना सिटी के हवलदार रमन कुमार ने कहा कि उनकी तरफ से सिर्फ जेल अधिकारी की शिकायत पर पर्चा दर्ज किया जाता है। अब आगे की जांच के लिए पूछताछ की जाएगी ।
एसएसपी ने कहा खुद कर रहे है मामले की जांच
गैंगस्टरों से मोबाइल मिलने की बात पर एसएसपी प्रीतम ¨सह ने बताया कि जेल में बंद गैंगस्टरों तक मोबाईल कैसे पहुंचा वह जेल अधिकारी ही जानते है, लेकिन गैंगस्टरों से मिले मोबाईल पर दर्ज हुए पर्चे की जांच वह खुद कर रहे है। अगर जांच के दौरान कोई भी चाहे वह जेल अधिकारी है या फिर जेल मुलाजिम आरोपित पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । अभी तक कितने जेल मुलाजिमों व अधिकारियों के खिलाफ जांच सही पाई गई के सवाल पर एसएसपी ने बताया कि वह रिकार्ड देखकर ही बता सकते हैं ।
साहब की हिम्मत नहीं पड़ती हम कैसे करें गैंगस्टरों की चे¨कग
जेल वार्डनरों की बात करें तो नाम न छापने की शर्त में उन्होंने बताया कि उनके साहब से लेकर परिवारिक सदस्यों के सुरक्षा मिलती है। हथियारों के साथ मुलाजिम उनके इर्दगिर्द रहते हैं । अगर वह सुरक्षा के बीच रहकर गैंगस्टरों की चे¨कग नही कर सकते तो हम डंडों के साथ या फिर खाली हाथ गैंगस्टरों की चे¨कग कैसे कर सकेंगे। गैंगस्टरों की चे¨कग करना मौत के मुंह में हाथ डालने वाली बात है।