युवा और अनुभवी नेता पर दांव खेल सकती है कांगेस
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : शिअद की परंपरागत सीट बन चुकी फिरोजपुर लोकसभा सीट को हथियाने के लिए कां
प्रदीप कुमार ¨सह, फिरोजपुर : शिअद की परंपरागत सीट बन चुकी फिरोजपुर लोकसभा सीट को हथियाने के लिए कांग्रेस ने मंथन शुरू कर दिए है। 2019 में फिरोजपुर सीट से कांग्रेस पार्टी का कौन प्रत्याशी होगा, इसको लेकर संभावित प्रत्याशियों की ओर से दमदार दावेदारी पार्टी फोरम पर करीबी नेताओं के माध्यम से दर्ज करवाई जा रही है। कोई दिल्ली में डेरा जमाए बैठा है तो कोई प्रदेश के बड़े नेताओं के सहारे टिकट की आस लगाए बैठा है। लोकसभा चुनाव कवरेज के तहत दैनिक जागरण ने फिरोजपुर लोकसभा हलके से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशियों को लेकर पड़ताल की गई तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संभावित प्रत्याशियों के रूप में जो चार नाम सुझाए गए, उन चारों से बातचीत व उनके मजबूत व कमजोर पक्षों को रेखांकित करती रिपोर्ट। रिपोर्ट में हमने निष्पक्ष रूप से चारों संभावित प्रत्याशियों के मजबूत व कमजोर पक्ष को रेखांकित किया है, ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी फिरोजपुर सीट से युवा चेहरे को मैदान में उतारती है या अनुभवी चेहरे को या फिर किसी बाहरी चेहरे को सीट निकालने के लिए उतारती है।
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राणा गुरमीत ¨सह सोढ़ी दमदार पकड़
गुरुहरसहाय विधानसभा क्षेत्र से लगातार चौथी बार कांग्रेस से निर्वाचित एमएलए व प्रदेश के खेलमंत्री राणा गुरमीत ¨सह सोढी का अपनी विधानसभा के साथ ही आसपास की विधानसभाओं में गहरी पकड़ है। साफ-सुथरी छवि के साथ ही अपने मजबूत नेटवर्क के लिए वह जाने जाते है। प्रत्याशी के रूप में राणा सोढ़ी के तीन मजबूत पक्षों में पहला लगातार चौथी बार एमएलए चुना जाना, दूसरा मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह का करीबी होना व तीसरा जाट व राय-सिक्ख बिरादरी की वोटों में मजबूत पकड़ का होना है।
कमजारे पक्ष
तीन कमजोर पक्षों में उनकी अपनी ही पार्टी के फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र के दो विधायकों द्वारा उनका विरोध करना, दूसरी विधानसभाओं में अपेक्षाकृत सक्रिय कम होना व तीसरा हलके से ज्यादातर समय बाहर रहना।
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सुनील कुमार जाखड़
सुनील कुमार जाखड़ वर्तमान समय में गुरदासपुर से सांसद व प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रधान है, वह फाजिल्का जिले की अबोहर विधानसभा के रहने वाले है। फिरोजपुर लोकसभा हलके से उनके पिता बलराम जाखड़ सांसद रह चुके है, सुनील जाखड़ भी फिरोजपुर से दो बार चुनाव लड़ चुके है। जाखड़ के तीन मजबूत पक्षों में पहला पार्टी का प्रदेश प्रधान होना, दूसरी राष्ट्रीय नेतृत्व के करीबियों में गिना जाना व तीसरा मालवा के कांग्रेसी नेताओं में बड़ा चेहरा होना हे।
कमजोर पक्ष
उनके तीन कमजोर पक्ष दो बार फिरोजपुर लोकसभा हलके से चुनाव हारना, दूसरा गुरदासपुर से सांसद बनने के बाद फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र में रूचि कम होना व तीसरा पार्टी की स्थानीय स्तर पर गुटबंदी से बाहर निकल पाना।
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गुरभेज ¨सह टिब्बी-
ऑल इंडिया यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व गुजरात यूथ कांग्रेस के प्रभारी गुरभेज ¨सह टिब्बी फिरोजपुर देहाती विधानसभा से आते है, टिब्बी कंबोज बिरादरी के है, जिसकी फिरोजपुर लोकसभा हलके में ढ़ाई लाख वोट है। टिब्बी के तीन मजबूतों में कांग्रेस राष्ट्रीय प्रधान राहुल गांधी की गुडबुक में होना, दूसरा मिलनसार व्यक्तित्व और ओबीसी वर्ग से होना जबकि तीसरा पक्ष सभी नेताओं का करीबी होना।
कमजोर पक्ष :
टिब्बी के कमजोर पक्षों में आर्थिक रूप से कमजोर होना, दूसरा राजनीतिक पृष्ठभूमि का न होना और तीसरा जननेता के रूप में अनुभव न होना।
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अम¨रदर ¨सह राजा व¨डग-
फिरोजपुर लोकसभा हलके की गिदड़वाहा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित एमएलए व राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस का प्रधान रह चुके अम¨रदर ¨सह राजा व¨डग भी फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्र के संभावित प्रत्याशियों में शामिल है। राजा व¨डग के तीन मजबूत पक्षों में पहला पार्टी राष्ट्रीय प्रधान का करीबी होना, दूसरा दमदार तरीके से तथ्यपरक अपनी बातों को रखना व तीसरा युवा होना है।
कमजोर पक्ष
राजा व¨डग की तीन कमजोर पक्षों में पहला उनका बड़बोलापन, दूसरा फिरोजपुर लोकसभा की दूसरी विधानसभाओं तक पहुंच न होना और तीसरा लोगों के फोन न सुनना है।