पुलिस के खिलाफ धरने की तैयारी में जुट आप नेता
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर: दो जून को आम आदमी पार्टी का प्रदेश स्तरीय धरना डीसी दफ्तर फिरोजपुर के
जागरण संवाददाता, फिरोजपुर: दो जून को आम आदमी पार्टी का प्रदेश स्तरीय धरना डीसी दफ्तर फिरोजपुर के सामने होगा। धरने में पंजाब के सभी विधायक, सांसद नेता प्रतिपक्ष सुखपाल ¨सह खैहरा के नेतृत्व में शामिल होंगे। धरना 14 मई को नेता प्रतिपक्ष खैहरा के साथ कांग्रेसियों द्वारा किए गए गलत व्यवहार में अब तक पुलिस द्वारा किसी आरोपित की गिरफ्तारी न करने, 23 अप्रैल से मरणाव्रत पर बैठी गांव झोंक हरिहर की दोनों महिलाओं को समर्थन देने और गुरहरसहाय के गांव फतेहगढ़गहरी घटना में आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिया जाएगा।
आप के जिला संयोजक डॉ.मलकीत ¨सह ¨थद ने बताया कि 26 एकड़ जमीन के लिए मरणाव्रत पर बैठी महिलाओं से 14 अप्रैल को खेहरा ने मुलाकात की थी। इसके बाद कांग्रेसियों ने पार्टी के वारिष्ठ नेता सुखपाल ¨सह खैहरा के साथ किए गए था। इतना ही नहीं जब पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को रोका तो उन्होंने पुलिस मुलाजिमों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन अभी तक ओरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। इसके अलावा गांव झोंक हरिहर की दो महिलाएं सर्वजीत कौर व सिमरजीत कौर अपनी 26 एकड़ जमीन के लिए 23 अप्रैल से मरणाव्रत पर बैठी है उनके समर्थन में भी धरना दिया जाएगा और गुरुहरसहाय के गांव फतेहगढ़ गहरी में जिस प्रकार से जमीनी विवाद में एक छात्रा की हत्या की गई और अब तक सियासी दबाव में पुलिस द्वारा आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जाना दु:खद है, यह मुद्दा भी धरने में शामिल होगा। उन्होंने बताया कि धरने में सांसद भगवंत मान, सांसद साधू ¨सह के आलावा अन्य नेता भी शामिल होंगे। भारतीय किसान यूनियन एकता के प्रधान फतेह ¨सह ने कहा कि वे लोग नौ मई से मरणाव्रत पर बैठी महिलाओं के हक में धरने पर बैठे है, फिर भी प्रशासन द्वारा अब तक कोई बात नहीं सुनी जा रही है।
मरणाव्रत पर बैठी महिलाओं की हालत नाजुक
मरणाव्रत पर बैठी सर्वजीत कौर के बेटे गुरजीत ¨सह ने बताया कि 23 अप्रैल से उनकी मां व रिश्तेदार सिमरनजीत कौर मरणाव्रत पर बैठी है, दोनों की हालत अब बहुत ही दयनीय हो गई है, डॉक्टरों द्वारा नियमित रूप से उनके सेहत की जांच की जा रही है, डॉ गुराया के अनुसार दोनों को तुरंत अस्पताल में दाखिल किए जाने की जरूरत है, परंतु उनकी मां व रिश्तेदार अस्पताल में दाखिल होने को तैयार नहीं है।