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टिकट के दावेदार तीन कांग्रेस विधायकों को हलके की अनदेखी ले डूबी

फिरोजपुर विधायकों के सांसद बनाने के मंसूबे पर कांग्रेस ने पानी फेर दिया है। टिकट के लिए दिल्ली दरबार में डेरा डाल एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाले विधायकों को अब निराशा हाथ लगी है। फिरोजपुर जिले की चार विधानसभाओं में से तीन विधायकों ने तीन अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों फिरोजपुर फरीदकोट व खडूर साहिब से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में पार्टी से टिकट मांगा था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:12 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 06:24 AM (IST)
टिकट के दावेदार तीन कांग्रेस विधायकों को हलके की अनदेखी ले डूबी
टिकट के दावेदार तीन कांग्रेस विधायकों को हलके की अनदेखी ले डूबी

प्रदीप कुमार सिंह, फिरोजपुर : विधायकों के सांसद बनाने के मंसूबे पर कांग्रेस ने पानी फेर दिया है। टिकट के लिए दिल्ली दरबार में डेरा डाल एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाले विधायकों को अब निराशा हाथ लगी है। फिरोजपुर जिले की चार विधानसभाओं में से तीन विधायकों ने तीन अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों फिरोजपुर, फरीदकोट व खडूर साहिब से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में पार्टी से टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने इनमें से किसी पर भी भरोसा न जताते हुए अन्य प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिले के किसी भी विधायक ने अपने हलके में विकास का कोई भी ऐसा काम नहीं किया है, जो कि दूसरी विधानसभाओं में उदाहरण बन सके।

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राणा सोढी ने फिरोजपुर संसदीय सीट से मांगा था टिकट

लगातार चौथी बार कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर गुरुहरसहाय से विधायक चुने गए और प्रदेश सरकार में खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने विगत लोकसभा चुनाव की भांति इस बार भी फिरोजपुर सीट से पार्टी से टिकट मांगा था। टिकट के लिए उन्होंने अपनी प्रबल दावेदारी उपलब्धियों के साथ पार्टी फोरम पर रखी थी। लेकिन पार्टी ने बार फिर से राणा सोढी को नकार दिया।

सतकार कौर गहरी फरीदकोट से चुनाव लड़ने की थीं इच्छुक

फिरोजपुर देहाती सुरक्षित विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर पहली बार चुनाव जीतने वाली सतकार कौर गहरी ने फरीदकोट सुरक्षित सीट से पार्टी से टिकट मांगा था। टिकट के प्रबल दावेदारों में उनका नाम अंतिम समय तक चल रहा था। वह स्वयं और उनके समर्थक टिकट मिलने के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त थे, लेकिन पार्टी ने गहरी की जगह फरीदकोट सीट पर मोहम्मद सदीक को प्रत्याशी के रूप में उतारा।

कुलबीर जीरा ने खडूर साहिब से जताई थी टिकट की दावेदारी

जीरा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पहली बार चुने गए कुलबीर सिंह जीरा ने अपने लोकसभा क्षेत्र खडूर साहिब से पार्टी से टिकट की दावेदारी की थी। यही नहीं उनके पिता व प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे इंद्रजीत सिंह जीरा ने भी इसी सीट से टिकट की मांग पार्टी से की थी, लेकिन पार्टी ने दोनों को टिकट देने से नकारते हुए जसबीर डिंपा को प्रत्याशी बनाया है।

तीनों में किसी भी विधायक ने अपने हलके में नहीं बहाई विकास की गंगा, जो दूसरी विधानसभाओं के लिए बन पाती उदाहरण

2017 के विधानसभा चुनाव में जिले की चार विधानसभाओं में जनता ने कांग्रेस के विधायकों को विजयी बनाया। इनमें गुरुहरसहाय से राणा सोढी लगातार चौथी बार, फिरोजपुर शहरी से परमिदर सिंह पिकी लगातार दूसरी बार, फिरोजपुर देहाती व जीरा से पहली बार सतकार कौर गहरी व कुलबीर जीरा चुनाव जीते हैं। जिले की चारों विधानसभाओं में कांग्रेस विधायकों का कब्जा तो जरूर है, लेकिन जिले की कोई एक भी विधानसभा ऐसी नहीं है, जहां के विधायकों ने अपने क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई हो। सभी विधानसभाओं में जर्जर सड़कें, गलियां-नालियां की दुर्दशा, शुद्ध पेयजल, सेहत सुविधाओं, शिक्षा, रोजगार, विकास के प्रोजेक्ट व अन्य विकासपरक कार्यो का अभाव है।

टिकट न मिलने से निराश, लेकिन पार्टी का साथ देने की कर रहे बात

जिले की चार विधानसभाओं में जीरा विधानसभा का क्षेत्र खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र में पड़ता है, जबकि फिरोजपुर शहरी, फिरोजपुर देहाती व गुरुहरसहाय विधानसभा क्षेत्र फिरोजपुर में पड़ता है। टिकट न मिलने से उक्त विधायक निराश तो है, लेकिन अब पार्टी प्रत्याशी को चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं। उक्त विधायकों का कहना है कि टिकट मांगना उनका अधिकार था, उन्होंने टिकट मांगा, लेकिन पार्टी के फैसले के साथ खड़ा होना उनका नैतिक दायित्व है।


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