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प्रभा देती हैं मुफ्त दवा, गरीबों की मिलती है अपार दुआ

संवाददाता, फिरोजपुर : किसी भी देश का तब तक विकास नहीं हो सकता है, जब तक उस देश के सभी नागरिक सेहतमंद न हों। सेहतमंद लोगों के मस्तिष्क में ही स्वस्थ विचारों की उत्पत्ति होती है, जिसका प्रयोग स्वयं के विकास के साथ ही समाज व देश के लिए किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 10:33 PM (IST)
प्रभा देती हैं मुफ्त दवा, गरीबों की मिलती है अपार दुआ

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : किसी भी देश का तब तक विकास नहीं हो सकता है, जब तक उस देश के सभी नागरिक सेहतमंद न हों। सेहतमंद लोगों के मस्तिष्क में ही स्वस्थ विचारों की उत्पत्ति होती है, जिसका प्रयोग स्वयं के विकास के साथ ही समाज व देश के लिए किया जा सकता है। लोगों को सेहतमंद बनाए जाने के प्रति जागरूक करने के लिए 2008 से मोहन लाल फाउंडेशन संस्था सरहदी जिले में प्रयासरत है।

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संस्था की मुख्य सरपरस्त 71 वर्षीय प्रभा भास्कर पत्नी स्व. मोहन लाल भास्कर ने बताया कि फिरोजपुर भारत-पाकिस्तान सरहद पर स्थित होने के कारण शिक्षा, सेहत जैसे कई अन्य मामलों में पिछड़ा हुआ है। फिरोजपुर में सुविधाओं का काफी अभाव है, जिसके कारण आज भी देश के 215 पिछड़े जिलों में फिरोजपुर जिला शामिल है। सरहदी लोगों की सेहत को देखते हुए उनकी संस्था मेडिकल कैंप व रक्तदान शिविर नियमित लगाकर लोगों को सेहत के प्रति जागरूक कर रही है। लोगों को स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि लोग बीमारियों के मकड़जाल से बाहर निकल सकें। उन्होंने बताया कि कई ऐसी बीमारियां हैं जो कि जागरुकता के अभाव में लोगों को घर कर रही है। उनकी संस्था की ओर से जरूरतमंद विद्यार्थियों को फ्री में शिक्षा दिलाए जाने के साथ ही जरूरत के अनुरूप उनका उपचार भी करवाया जाता है। फाउंडेशन के सदस्य झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को सेहतमंद होने के लिए जागरूक कर रहे है। लोगों के सेहत व शिक्षा संबंधी आने वाला सारा खर्चा फाउंडेशन द्वारा स्वयं उठाया जा रहा है।

11 विधवा महिलाओं को हर माह वितरित किया जा रहा राशन

प्रभा भास्कर ने बताया कि 11 विधवा महिलाओं को उनकी संस्था की ओर से 2013 से प्रत्येक महीने के दूसरे शनिवार को मुफ्त राशन दिया जाता है। ऐसे में किसी जरूरतमंद द्वारा यदि अपनी बीमारी की बात बताई जाती है तो उसका उपचार भी करवाया जाता है ताकि वह एक बेहतर जीवन जी सके, उन्होंने कहा कि बच्चों में माता-पिता के प्रति आदर-भाव व देने के लिए भी प्रयास किए जा रहे है ताकि बच्चे संस्कारवान हो और माता-पिता का बुढ़ापे में सहारा बने। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व. मोहन लाल भास्कर ने भी देश सेवा के लिए जीवन के अहम समय दिए है, उनकी प्रेरणा से ही वह स्वयं व उनके परिवार के अन्य सदस्य लोगों की सेवा में समर्पित है।

20 से अधिक मेडिकल कैंप लगाए, हर साल पांच बच्चों का पढ़ाई का खर्च उठाती है संस्था

मोहन लाल भास्कर फाउंडेशन ने अब तक 20 से अधिक मेडिकल कैंप लगाकर बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों को फायदा पहुंचा है। इसी प्रकार से रक्तदान कैंप लगाकर रक्त एकत्रित करवाया जा रहा है। फाउंडेशन प्रति वर्ष आर्थिक रूप से कमजोर तबके के पांच बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाई के लिए मदद करती है।


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