फिरोजपुर में 133 बसों के पहिम् थामे, 10 लाख का नुकसान
मुलाजिमों की मंगलवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के पहले जिले की 133 सरकारी बसों के पहिये जाम रहने से विभाग के साथ साथ सरकार को जो नुकसान होगा।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : मुलाजिमों की मंगलवार से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के पहले जिले की 133 सरकारी बसों के पहिये जाम रहने से विभाग के साथ साथ सरकार को जो नुकसान होगा। जिले में करीब 300 मुलाजिम हड़ताल पर होने के कारण बसों की शहर के बस अड्डे पर कतारें लगी दिखाई दी। जबकि पनबस कंट्रैक्ट मुलाजिम व रोडवेज मुलाजिम छावनी के बस अड्डे पर धरना लगा सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते रहे ।
दो दिनों में होगा लगभग दस लाख का नुकसान : जीएम
पंजाब रोडवेज के जीएम गुरचरण ¨सह बराड़ ने बताया कि एक दिन में महकमे को 10 लाख की कमाई होती है और इसमें पांच लाख रुपये डीजल पर खर्च होता है, दो दिनों में विभाग को 10 लाख का नुकसान फिरोजपुर से होगा। उन्होंने कहा कि 300 मुलाजिम हड़ताल पर हैं और उनका यह प्रदर्शन दो दिन तक जारी रहना है। उन्होंने बताया कि 2005 के दौरान सरकार की तरफ से पनबस मुलाजिम रखे गए थे और वह स्थायी होने के लिए लगातार संघर्ष का रास्ता अपनाए हुए हैं। वह अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार का नुकसान कर रहे हैं।
निजी बसों के मालिक कूटते रहे चांदी
दूसरी तरफ सरकारी बसों का चक्का जाम रहने से निजी बसों के मालिक चांदी कूटते रहे और यात्रियों से मनमानी करते रहे। कुछ लोग बसें बंद होने के कारण रेलवे स्टेशन की तरफ रुख करते दिखे। हालांकि हड़ताल के कारण समस्या भी यात्रियों के लिए बनी रही, क्योंकि सरकारी बसों के मुकाबले निजी बसों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं है। छोटो रूटों पर खासकर गांवों को जाने वाली ज्यादातर बसें प्राइवेट हैं, मगर लंबे रूट पर जाने वाले लोगों को दिक्कत जरूर आई।
प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने निकाली सरकार के खिलाफ भड़ास
पनबस यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रेशम ¨सह गिल ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने की बजाए बढ़ावा दिया जा रहा है। प्राइवेट कंपनियों के मालिकों के पक्ष में ठेकेदारी व्यवस्था और काम करते वर्कर्स को बराबर काम, बराबर वेतन के मापदंड लागू नहीं किये जा रहे। इसके बलावा सरकारी अदारों को खत्म करने की नीति के साथ ठेकेदारी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। गिल ने कहा कि पंजाब सरकार सरकारी अदारों में काम कर रहे वर्करों को पक्का करने और बराबर काम, बराबर वेतन का रूल लागू करने से भाग रही है और पनबस में 10 से 12 साल से काम कर रहे वर्करों को पक्का करने से भाग रही है। जिसके चलते रोडवेज महकमे खत्म होने की कगार पर हैं। इस अवसर पर पनबस के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।