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सीएम का पुतला फूंक कर्मचारी बोले, न डोप टेस्ट करवाएंगे, न ही टैक्स भरेंगे

फिरोजपुर : सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट का सरकार फरमान किस पर और कैसे लागू होगा, इस पर असमंजस है। लेकिन सरकारी कर्मचारी वर्ग ने डोप टेस्ट का विरोध शुरू कर दिया है। राज्य कार्यकारिणी के राज्यव्यापी आह्वान पर पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विस यूनियन की स्थानीय शाखा ने मंगलवार को डीसी कार्यालय में डोप टेस्ट व प्रोफेशनल टैक्स के विरोध में प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 05:07 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 05:07 PM (IST)
सीएम का पुतला फूंक कर्मचारी बोले, न डोप टेस्ट करवाएंगे, न ही टैक्स भरेंगे

जासं, फिरोजपुर : सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्ट का सरकार फरमान किस पर और कैसे लागू होगा, इस पर असमंजस है। लेकिन सरकारी कर्मचारी वर्ग ने डोप टेस्ट का विरोध शुरू कर दिया है। राज्य कार्यकारिणी के राज्यव्यापी आह्वान पर पंजाब स्टेट मिनिस्ट्रियल सर्विस यूनियन की स्थानीय शाखा ने मंगलवार को डीसी कार्यालय में डोप टेस्ट व प्रोफेशनल टैक्स के विरोध में प्रदर्शन किया। यूनियन ने मुख्यमंत्री का डीसी कार्यालय के समक्ष पुतला जलाकर विरोध करते हुए चेतावनी दी कि वे न तो डोप टेस्ट करवाएंगे और न ही प्रोफेशनल टैक्स भरेंगे। बल्कि बकाया डीए सहित अन्य मांगों को पूरा करवाने के लिए संघर्ष करेंगे। डीसी कार्यालय में हुई प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की सभा में यूनियन के जिला प्रधान मनोहर लाल प्रधान, महासचिव पीपल ¨सह, प्रदेश महासचिव प्रदीप विनायक, परमजीत ¨सह गिल लोक निर्माण विभाग और गुरप्रीत ¨सह सोढी प्रदेश उपप्रधान आबकारी विभाग ने कहा कि सरकार की तरफ से लगाया गया 200 रुपये प्रति महीना प्रोफेशनल टैक्स वापस लेने, सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट करवाने का फैसला वापस लेने, एक जनवरी 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम अधीन लाने, डीए की बकाया रहती तीन किश्तों जारी करने, डीए का तीन महीनों का बकाया जारी करने, पे-कमीशन को समयबद्ध करने आदि पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए समूह मिनिस्ट्रियल कर्मचारियों में रोष पाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की तरफ से कर्मचारियों की मांगों को तुरंत पूरा नहीं किया गया तो कर्मचारियों की तरफ से संघर्ष को और तेज किया जाएगा। 18 जुलाई को कर्मचारियों की तरफ से डीसी दफ्तर के सामने रोष रैली की जाएगी। यदि उसके बाद भी प्रदेश सरकार की तरफ से कर्मचारियों की मांगों का हल नहीं किया गया तो अगले संघर्ष का एलान किया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। विरोध प्रदर्शन में कश्मीर चंद, जसमीत ¨सह प्रधान ¨सचाई विभाग, सुरिंदर कुमार लोक संपर्क विभाग, दिनेश कुमार शिक्षा विभाग, शविंदर ¨सह खारा आबकारी विभाग, वरयाम ¨सह खजाना विभाग, चंदन ¨सह राणा सेहत विभाग, विक्रम पब्लिक हेल्थ, कुलदीप ¨सह सहकारिता विभाग, जतिंद्र ¨सह फूड सप्लाई विभाग, केवल कृष्ण, वरिंदर शर्मा आदि शामिल हुए।

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सरकार शक करती है, इसी वजह से टेस्ट से मनाही

यूनियन के जिला महासचिव पीपल ¨सह सिद्धू का कहना है कि सरकार सरकारी कर्मचारियों को नशेड़ी होने के संदेह की नजर से देख रही है। कर्मचारी सरकार की रीढ़ हैं। एक कर्मचारी चार-चार सीटों पर काम संभाल रहा है। अगर कर्मचारियों का डोप टेस्ट होगा तो उनकी समाज में प्रतिष्ठा गिरेगी। सिद्धू के अनुसार कर्मचारी वर्ग नशा रोकने में हर तरह से मदद देने को तैयार है।


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