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बरसों से लोग झेल रहे ड्रैगन डोर से मिले जख्मों का दर्द

फिरोजपुर : सोमवार समय करीब एक बजे दोपहर, शहर की सरकुलर रोड, कांशी नगरी से दोपहिया वाहन पर एक युवा, जिसके साथ पारिवारिक महिला भी थी। अचानक एक तेजधार ड्रैगन डोर उसके गले को कट लगाती निकली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:10 PM (IST)
बरसों से लोग झेल रहे ड्रैगन डोर से मिले जख्मों का दर्द

जतिंद्र ¨पकल, फिरोजपुर : सोमवार समय करीब एक बजे दोपहर, शहर की सरकुलर रोड, कांशी नगरी से दोपहिया वाहन पर एक युवा, जिसके साथ पारिवारिक महिला भी थी। अचानक एक तेजधार ड्रैगन डोर उसके गले को कट लगाती निकली। बड़ी फुर्ती से युवक ने हाथ से गले पर लग रही डोर को खींच अलग करना चाहा, लेकिन डोर ने उसके हाथ को भी लहुलुहान कर दिया। एटीएम पर तैनात एक युवक तुरंत उनकी तरफ भागा और डोर को गले से निकाला। आसपास के दुकानदार घायल को डॉक्टर के पास ले गए और उसकी मरहम पट्टी करवाई। घायल युवक सर्बजीत ने बताया कि वह चंडीगढ़ में रहता है और किसी काम से फिरोजपुर आया था।

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ड्रैगन की तरह ही खतरनाक डोर कई लोगों को ऐसे जख्म दे चुकी है कि आने वाले कई सालों तक भी इस दर्द को सहने वाले इसे भुल नहीं पाएंगे। प्रशासन व पुलिस की नाक तले बिक रही डोर लगभग हरेक पंतग उड़ाने वाले के हाथ में देखी जा सकती है। बावजूद इसके प्रशासन व पुलिस काबू पाने में असफल है। कई जिंदगियों से खेलने वाली डोर को बेचने वालों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

जख्म तो भर गए, दिल की टीस नहीं मिटी

2018 में बसंत पंचमी के आसपास के दिनों में डोर से जख्मी युवक ¨रकू ने बताया कि वह तो ठीक हो गया है, लेकिन जब भी उस मंजर को याद करता है तो दिन में टीस उठती है। यदि इस पर जल्द से जल्द काबू ना पाया गया तो न जाने और कितने लोगों को इस डोर की बलि चढ़ना होगा। इसके अलावा कैंट में के साथ फिरोजपुर शहर में भी दो लोग डै्रगन डोर की चपेट में आने से जख्मी हुए थे।

समाजसेवी संस्थाओं के मुंह पर भी लगे ताले

ड्रैगन डोर से लगातार हो रहे हादसों के बावजूद समाज के लिए कुछ करने वाली संस्थाएं भी चुपचाप तमाशा देख रही है। किसी भी संस्था की तरफ से अभी तक इस डोर पर पूर्ण पाबंदी के लिए कोई कदम नही उठाए जा रहे हैं। न ही लोगों को इस डोर के खतरनाक परिणामों के बारे में जागरूक करने के लिए कोई अभियान शुरू किया गया है। हैरत की बात यह है कि यह संस्थाएं कहने को तो समाज की भलाई के कार्यों के लिए बनी है ,लेकिन किसी भी संस्था को ड्रैगन डोर से होने वाले हादसे व इसके भयंकर परिणामों के बारे में कुछ भी मालूम नही है।

शहर के युवा हरप्रीत,नीरज,दीदार,नितिन व सुरिन्द्र ने प्रशासन व पुलिस से अपील करते हुए कहा कि इस डोर पर जल्दी से जल्दी काबू पाया जाए ताकि इंसानी व पशु-पक्षियों की जिंदगियों पर भारी इस डोर से होने वाले भंयकर परिणामों से बचा जा सके। उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि इस खतरनाक डोर के प्रति जागरूक हो व अन्य लोगों को भी जागरूक करें।


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