नशे के खिलाफ शुरू होगी पढ़ाई, प्रार्थना सभा में दिखाएंगे शॉर्ट फिल्म
डीसी चंद्र गैंद ने नशा मिटाने के लिए सभी सरकारी महकमों के अधिकारियों को एंटी ड्रग कैंपेन से संबंधित गतिविधियां तेज करने का आदेश दिया है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : डीसी चंद्र गैंद ने नशा मिटाने के लिए सभी सरकारी महकमों के अधिकारियों को एंटी ड्रग कैंपेन से संबंधित गतिविधियां तेज करने का आदेश दिया है। मंगलवार को जिले के सभी एसडीएम, सेहत विभाग और शिक्षा विभाग के साथ हुई संयुक्त बैठक में डीसी ने फैसला लिया कि बडी प्रोजेक्ट से जुड़े जिले के स्कूलों में नशे के खिलाफ पढ़ाई की शुरुआत की जाएगी। सुबह प्रार्थना सभा में इन स्कूलों में नशे की समस्या के खिलाफ एक 20 से 30 मिनट की शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी। इसके बाद स्कूल प्रिसिपल की निगरानी में इस समस्या पर चर्चा होगी। स्कूल में रूटीन की तरह पढ़ाई-लिखाई शुरू होगी।
डिप्टी डीईओ कमल अरोड़ा को यह निर्देश जल्द लागू करने के लिए कहा। डीसी ने जिले में बडी प्रोजेक्ट से जुड़े 479 स्कूलों के बडी नोडल अफसर कम प्रिंसिपलों की एक बैठक बुधवार शाम चार बजे देव समाज कॉलेज में बुलाई है। इसमें उन्हें स्कूलों में बच्चों को नशे के खिलाफ एकजुट करने और जागरूक करने के बारे में चर्चा की जाएगी। प्रधानाचार्यो से सुझाव भी लिए जाएंगे। मीटिग में गांव स्तर पर नशे के खिलाफ काम कर रहे कलस्टर को-ऑर्डिनेटर को भी बुलाया गया है, ताकि नशे के मुद्दे पर उनकी भी फीडबैक ली जा सके।
डीसी नशा प्रभावित गांवों का खुद दौरा कर लोगों से करेंगे बातचीत
डीसी ने कहा कि जल्द ही वह खुद जिले के सभी 697 गांव का दौरा शुरू करेंगे। इसमें सभी महकमों के प्रमुख अधिकारी, ड्रग एबयूज प्रिवेंशन ऑफिसर और कलस्टर कोआर्डिनेटर उनके साथ रहेंगे। फिलहाल ड्रग प्रभावित गांव से शुरुआत की जाएगी। इसके लिए ड्रग से सबसे ज्यादा प्रभावित गांव की पहचान करके एक लिस्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने गांव के लोगों से अपील की है कि अपने बच्चों, परिवार के सदस्यों को नशे की दलदल से निकालने के लिए खुलकर आगे आएं। नशा सप्लाई करने वालों की सूचना पुलिस को दें और वह खुद सुनिश्चित करेंगे कि पुलिस महकमा उनके खिलाफ कार्रवाई करे। नशे की सूचना देने वालों की पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी।
डैपो से मिलने वाली फीडबैक पर तुरंत कार्रवाई के दिए आदेश
डीसी श्री चंद्र गैंद ने बताया कि जिले में कुल 697 गांव स्तरीय निगरानी कमेटियां कार्यरत हैं। 479 स्कूलों में 90,546 बडीज नियुक्त किया जा चुके हैं। 3218 सीनियर बडीज इन स्कूलों में एक्टिव हैं। आने वाले दिनों में सभी को साथ लेकर नशे के खिलाफ जंग शुरू की जाएगी। उन्होंने पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को गांव में नशे के खिलाफ डैपो से मिलने वाले फीडबैक पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा। इसी तरह हेल्थ डिपार्टमेंट से ओट्स क्लीनिक्स की कारगुजारी रिपोर्ट मांगी है और पिछले एक साल में नशे से पीड़ित लोगों के इलाज को लेकर रिपोर्ट तलब की है।
नशा छुड़ाओं केंद्र में नशे का इलाज संभव
डीसी ने कहा कि नशे की गिरफ्त में फंसे हुए लोगों को एक बीमार मरीज की तरह देखना चाहिए। अगर कोई घर में नशे से पीड़ित है तो उसे लेकर कोई संकोच नहीं रखना चाहिए, ब्लकि खुलकर आगे आना चाहिए। जैसे दूसरी बीमारियों का दवाइयों से इलाज संभव है, उसी तरह नशे की समस्या का भी इलाज संभव है। इसके लिए लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी। नशे में फंसे व्यक्ति को बीमार मरीज की तरह ट्रीट करना होगा और उसे ओट्स क्लीनिक या नशा छुड़ाओ केंद्र तक लाना होगा। इस समस्या को मिटाने के लिए हर वर्ग के सहयोग की जरूरत है, तभी इससे छुटकारा पाने में सफलता मिलेगी।
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