ब्ल्ड बैंक स्टाफ पर ड्यूटी में कोताही के आरोप
समाजसेवी संस्था श्री बाला जी समाज सेवा संघ की ने अबोहर के सरकारी अस्पताल के ब्ल्ड बैंक स्टाफ पर ड्यूटी में कोताही बरतने समय पर रक्तदान कैंप में नहीं पहुंचने और ब्लड ट्रांसफ्यूजन आफिसर के बिना कैंप लगाने के कथित आरोप लगाए हैं।
संवाद सहयोगी, अबोहर : समाजसेवी संस्था श्री बाला जी समाज सेवा संघ की ने अबोहर के सरकारी अस्पताल के ब्ल्ड बैंक स्टाफ पर ड्यूटी में कोताही बरतने, समय पर रक्तदान कैंप में नहीं पहुंचने और ब्लड ट्रांसफ्यूजन आफिसर के बिना कैंप लगाने के कथित आरोप लगाए हैं।
संस्था के प्रमुख सेवादार गगन मल्होत्रा ने बताया कि अबोहर ब्लड बैंक को प्रति वर्ष करीब 3200 यूनिट रक्त की आवश्यकता रहती है, जिसे समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से पूरा किया जाता है। लेकिन दो साल से श्री बाला जी समाज सेवा संघ को कोई सहयोग नहीं किया गया और न ही उन्हें यहां पर रक्तदान कैंप लगाने की अनुमति दी जा रही है। इसी कारण वह फरीदकोट, बठिडा, मोगा, मुक्तसर साहिब व कोटकपूरा से सरकारी ब्लड बैंक टीमों को बुलाकर कैंप लगाने को मजबूर हो रहे हैं।
संस्था के सदस्यों के साथ ब्लड बैंक के स्टाफ द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया व भेदभाव किया गया जिसके चलते उन्होंने दो साल पहले इसके खिलाफ धरना भी लगाया जिसके बाद ब्लड बैंक के स्टाफ द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि वे इसकी शिकायत सेहत मंत्री से करेंगे और यदि सुनवाई न हुई तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
गौरतलब है कि संस्था द्वारा 10 हजार से अधिक यूनिट रक्त कैंपों के माध्यम से विभिन्न सरकारी ब्लड बैंकों को मुहैया करवा चुकी है व इसके लिए संस्था कई बार स्टेट अवॉर्ड व नेशनल अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य विभाग से जांच करने की मांग की है। रक्तदानियों को सर्टिफिकेट व मेडल न देने का भी आरोप
नानक नगरी निवासी व नई आबादी निवासी दो लोगों ने आरोप लगाया कि उनके परिवार की दो महिलाओं की मृत्यु ब्लड बैंक द्वारा जारी किए गए ब्लड के रिएक्शन की वजह बीते वर्ष हुई थी, जबकि एक लड़की को बामुश्किल फरीदकोट लेजाकर बचाया। उन्होंने कहा कि अबोहर ब्लड बैंक की ओर से जहां कहीं भी कैंप लगाया जाता है, वहां किसी भी रक्तदानी को मेडल, सम्मान चिन्ह, सर्टिफिकेट, रिफ्रेशमेंट आदि नहीं दिए जाते, जबकि सरकार की ओर से इसका बकायदा फंड दिया जाता है। मल्होत्रा ने कथित रूप से आरोप लगाते हुए कहा कि अबोहर व आसपास के गांवों में प्राइवेट ब्लड बैंकों के कैंप लगाए जाते रहे हैं जिसमें से 793 यूनिट श्रीगंगानगर के प्राइवेट बैंकों को दिया गया। अब भी यह सिलसिला जारी है जबकि उन्होंने इसकी शिकायत भी कई बार की है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
सभी आरोप निराधार : डॉ. सोनिमा
अबोहर के सरकारी अस्पताल की ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. सोनिमा ने श्री बाला जी समाज सेवा संघ के प्रधान गगन मल्होत्रा के लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने इस बात को तो स्वीकार किया कि अगर कहीं भी यहां के सरकारी अस्पताल की ब्लड बैंक टीम द्वारा कैंप लगाया जाता है तो उनमें बीटीओ का होना जरूरी है लेकिन अगर उनकी ड्यूटी एमरजेंसी में होती है तो फिर दोनों जगह ड्यूटी करना असंभव होता है। उन्होंने कहा कि ब्लड बैंक में सभी तरह की जांच करने के बाद ही ब्लड मरीज को लगाने के लिए जारी किया जाता है। अगर किसी को ब्लड रिएक्शन से कोई नुकसान होता है तो उसके कई कारण हो सकते है। यहां के ब्लड बैंक से प्रत्येक महीने से 300 यूनिट रक्त का आदान प्रदान होता है।
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