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स्मॉग के आगोश में आसमान, फिरोजपुर में अब तक 2268 पराली जलाने के मामले

पराली से उपजे प्रदूषण का दुष्परिणाम स्मॉग के रूप में सामने आ गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:54 PM (IST)
स्मॉग के आगोश में आसमान, फिरोजपुर में अब तक 2268 पराली जलाने के मामले

जागरण टीम, फिरोजपुर-फाजिल्का : पराली से उपजे प्रदूषण का दुष्परिणाम स्मॉग के रूप में सामने आ गया है। वातावरण में स्मॉग का प्रकोप इतना ज्यादा है कि सुबह से शाम तक सूर्य के दर्शन ही जिले के किसी भी हिस्से में शुक्रवार को नहीं हुए। लोगों को सेहत संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, तो वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण कंट्रोल दफ्तर फरीदकोट से मिली जानकारी के अनुसार इस साल अब तक सबसे ज्यादा पराली जलाए जाने की घटनाएं उपग्रह से फिरोजपुर में दर्ज की गई हैं, सबसे कम फाजिल्का में है। प्रदूषण कंट्रोल विभाग के एक्सईएन एसएस धालीवाल ने बताया कि जिला स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों की प्रत्येक जिले में लगभग दो दर्जन से ज्यादा टीमों का गठन किया गया है, जोकि किसानों को जागरूक करने के साथ ही पराली जलाने की घटनाओं को रोकने हेतु काम कर रही हैं। फिरोजपुर में अब तक पराली जलाने वाले 51 किसानों के चालान काटे गए हैं। फाजिल्का से अभी किसी चालान की जानकारी उन्हें नहीं है।

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डीसी के पराली न जलाने को लेकर दिए गए आदेश ठेंगे पर हैं, क्योंकि हाईवे के नजदीक गांवों में पराली जलाई जा रही है। इससे आसमान में धुआं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। फिरोजपुर में जिला प्रशासन की तरफ से 15 दिन पहले कृषि विभाग के सहयोग से पराली न जलाने वाले किसानों के लिए सम्मान समारोह भी करवाया गया था और किसानों को पराली न जलाकर उसे अन्य कामों में इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया था। बावजूद इसके कुछेक किसान अभी भी पराली की संभाल नहीं करना चाह रहे हैं।

15 दिन तक स्मॉक की समस्या जारी रहेगी

प्रशासनिक स्तर पर विगत वर्षो की भांति इस बार भी व्यापक पैमाने पर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही जागरूक किया गया। उसका सार्थक परिणाम भी दिखाई दिया है, परंतु कुछ किसानों द्वारा अब भी जागरूकता के अभाव में पराली को आग लगाई जा रही है। इससे गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष स्मॉग का प्रकोप 15 दिन देरी से देखने को मिला। प्रदूषण कंट्रोल विभाग के अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार को व्यापक पैमाने पर शुरू हुआ स्मॉग का प्रकोप अगले 15 दिनों तक जारी रहेगा। हालांकि अधिकारियों द्वारा कहा जा रहा है कि यदि इस बीच बारिश हो जाती है तो स्मॉग की समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाएगी।

उपग्रह से दर्ज की गई आगजनी की घटनाएं

-फिरोजपुर 2268

-फरीदकोट 777

-मोगा 536

-फाजिल्का 315

पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान

- 2 एकड़ तक 2500 रुपये

- 2 से 5 एकड़ तक 5000 रुपये

- 5 एकड़ से ज्यादा होने पर 15000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है

स्मॉग से बचने के लिए बरतें सावधानी

फाजिल्का के सिविल सर्जन डॉ. दलेर मुल्तानी स्मॉग के कारण सबसे अधिक परेशानी बुजुर्ग, सांस के रोगी व बच्चों को होती है। लोगों की आंखों से पानी आता है। नाक से भी पानी बहता है। छींकें ज्यादा आती हैं। इससे बचने के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। सुबह सैर पर जाने वालों को कुछ दिनों के लिए बंद कर देना चाहिए। इसी प्रकार बाइक आदि पर चलते हुए चश्मा व हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए, मुंह पर एन-95 मास्क लगाकर ही बाहर निकलें, आंखों में जलन या एलर्जी जैसी समस्या है, तो स्वच्छ पानी से आंखों में छींटे मारें, बिना चिकित्सक की सलाह के किसी आई ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।

भविष्य में भी होगी कड़ी कार्रवाई : डीसी

फिरोजपुर के डीसी चंद्र गैंद ने साफ कर दिया है कि जिला प्रशासन की तरफ से पराली जलाने वाले किसानों के साथ किसी प्रकार की रियायत नहीं बरती जाएगी, क्योंकि पराली से होने वाले धुएं से बीमारियों के साथ-साथ हादसे भी हो रहे हैं।


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