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इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में सोलर पावर पैक का अविष्कार

By Edited By: Updated: Thu, 30 May 2013 04:24 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, अबोहर

यहां के रेडिएंट इस्टीच्यूट ऑफ इजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी में स्थापित किए गए रिसर्च सेल ने सोलर पावर पैक का अविष्कार किया है।

वीरवार को इस संबंध में कालेज में एक प्रदर्शनी लगाई गई, इसका उद्घाटन आइआइटी रुड़की के पूर्व प्रोफेसर डा. भूपिंदर सिंह द्वारा किया गया। इस मौके पर कालेज के चेयरमैन तारा सिंह आहूजा, कमेटी सदस्य साहिब सिंह, रजिस्ट्रार संजीव बजाज तथा इदू ज्याणी सहित कालेज स्टाफ तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

उत्तराखंड सरकार द्वारा ऊर्जा पुरुष अवार्ड से सम्मानित किए जा चुके डा. भूपिंदर सिंह ने बताया कि यहां स्थापित किए गए रिचर्स सेल के माध्यम से सोलर पावर पैक का अविष्कार किया गया है, जो सौर ऊर्जा से चलेगा। इस पावर पैक पर पंखा, कूलर, ट्यूब लाइट आदि चल सकते है। हमें हवा, पानी, धरती तथा सौर ऊर्जा, ये चार चीजें कुदरत की ओर से निशुल्क मिलती हैं, इनका सही प्रयोग कर हम अपनी बचत कर सकते है। वैसे तो सरकार द्वारा कई क्षेत्रों में सब्सिडी पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाए गए है, परतु इसकी सही तकनीकी जानकारी न होने के कारण यह कामयाब नहीं है। इसलिए अधिकतर सोलर ऊर्जा प्लाट खराब पड़े है। कालेज के चेयरमैन तारा सिंह आहूजा ने डा. भूपिंदर सिंह की प्रशसा करते हुए कहा कि यह एक ऐसे ऊर्जा पुरुष हैं, जिन्होंने सारी उम्र नए-नए अविष्कार करने में लगा दी। डा. भूपिंदर मूल रूप से फाजिल्का के बाशिंदे हैं। भाई कन्हैया एनर्जी रिचर्स इस्टीच्यूट के माध्यम से तथा डा. भूपिंदर सिंह के सहयोग से कालेज को सोलर पावर पैक का नया प्रोजेक्ट बनाने में कामयाबी हासिल हुई है। जल्द ही कालेज के रिचर्स सेल की टीम द्वारा सोलर प्लेटों से पानी को भी शद्ध करने का प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जो जल्द ही जनता के बीच होगा, यह काफी सस्ता पड़ेगा। वैसे तो आरओ से भी पानी शुद्ध किया जाता है परतु आरओ से प्योरिफाई होने वाले पानी से कुदरती पानी के वह सेल निकल जाते है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होते है, परतु सौर ऊर्जा प्लेटों से तैयार हो रहे इस प्रोजेक्ट में वे सेल जिंदा रहेंगे।

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