ठेकेदारी सिस्टम बंद कर की जाए पक्की भर्ती: राजिद्र
पंजाब यूटी कर्मचारी और पेंशनर्ज सांझा फ्रंट के फैसले अनुसार पीडब्ल्यूडी फील्ड एंड वर्कशाप वर्कर्स यूनियन के प्रधान राजिद्र सिंह संधू की अगुवाई में डिप्टी कमिश्नर फाजिल्का के दफ्तर के आगे भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब यूटी कर्मचारी और पेंशनर्ज सांझा फ्रंट के फैसले अनुसार पीडब्ल्यूडी फील्ड एंड वर्कशाप वर्कर्स यूनियन के प्रधान राजिद्र सिंह संधू की अगुवाई में डिप्टी कमिश्नर फाजिल्का के दफ्तर के आगे भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही।
इस दौरान जय चंद, मदन लाल, हीरा लाल, मलगीत सिंह व राजिद्र संधू भूख हड़ताल पर बैठे। इस मौके प्रधान राजिद्र सिंह संधू ने पंजाब सरकार से मांग की कि कर्मचारियों की मांगों छठा पे कमिशन लागू करना, डीए की किश्तें देना, पुरानी पेंशन बहाल करना, ठेकेदारी सिस्टम बंद करके पक्की भर्ती करना, कच्चे कर्मचारियों को पक्के करना, मिड-डे-मील कर्मचारियों, आंगनवाड़ी और आशा वर्करों को बिना शर्त पक्का किया जाए। साथ ही उन्होंने एकट 2016 के फैसले को लागू करने और पक्की भर्ती करने की मांग भी उठाई। उन्होंने सरकार से मांग की कि बजट सेशन के दौरान कर्मचारियों की मांगों का हल किया जाए नहीं तो 5 मार्च को बड़े स्तर पर वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री पंजाब का पुतला फूंक प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान भूखहड़ताल में पहुंचे फिरोजपुर जोन के चेयरमैन राजिद्र सिंह मक्खू व पेंशनर नेता हीराल लाल ने विशेष तौर पर पहुंचकर संबोधन किया।
यूटी मुलाजिम, पेशनर्स की भूख हड़ताल दूसरे दिन में संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : पंजाब यूटी मुलाजिम संघर्ष मोर्चा पंजाब के आह्वान पर जिला फिरोजपुर के कर्मचारियों ने दूसरे दिन भी डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर के दफ्तर के समक्ष किश्न चंद जागोवालिया की अध्यक्षता में भूख हड़ताल की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कोविड-19 की हिदायतों का पालन करते हुए नारेबाजी की।
बुधवार को भूख हड़ताल में माना सिंह भट्टी, अजीत सिंह सोढी, जगसीर सिंह, संदीप कंबोज, ओम प्रकाश और केवल सिंह शामिल हुए। इस मौके पर पंजाब सरकार की तरफ से संघर्षशील मुलाजिमों की जायज मांगों को पूरा ना करने पर अजमेर सिंह, किश्न चंद जागोवालिया, राकेश कुमार शर्मा, मनहोर लाल, के.एल्ल गाबा, जसविन्दर सिंह कड़मा और राम प्रसाद आदि ने सरकार की निदा की और कहा कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करें, तांकि कर्मचारी संघर्ष का रास्ता त्याग कर अपना काम कर सकें। इस मौके पर प्रवीण सिंह, पिप्पल सिंह, ओंकार सिंह, संत राम, सुरिदर जोसन, राज्यपाल बेस, हरभगवान कंबोज, राकेश कुमार शर्मा, ओम प्रकाश राणा, प्रदीप कुमार राणा, विल्सन, मनिदर और दविदर अटवाट आदि मौजूद थे।