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राजस्थान से अबोहर में बेचने के लिए 85 क्विंटल धान लेकर आए दो काबू

थाना बहाववाला पुलिस ने राजस्थान से 85 क्विंटल धान लाकर अबोहर में बेचने के आरोप में दो लोगों को ट्रैक्टर-ट्राली सहित गिरफ्तार किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 10:26 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 10:26 PM (IST)
राजस्थान से अबोहर में बेचने के लिए 85 क्विंटल धान लेकर आए दो काबू
राजस्थान से अबोहर में बेचने के लिए 85 क्विंटल धान लेकर आए दो काबू

संस, अबोहर : थाना बहाववाला पुलिस ने राजस्थान से 85 क्विंटल धान लाकर अबोहर में बेचने के आरोप में दो लोगों को ट्रैक्टर-ट्राली सहित गिरफ्तार किया है। मार्केट कमेटी के सुपरवाइजर बनवारी लाल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने राजपुरा के निकट नाका लगाकर रखा था। इस दौरान दो ट्रैक्टर-ट्रालियों पर जज सिंह व वकील सिंह निवासी मानकसर जिला हनुमानगढ़ राजस्थान से धान पंजाब में बेचने के लिए आ रहे थे, जिनको काबू किया गया। उनसे 85 क्विंटल धान भी बरामद हुआ। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मार्केट कमेटी सचिव बलजिदर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से दूसरे राज्यों से धान लाकर पंजाब में बेचने पर रोक लगा रखी है, जिसके चलते अलग अलग अधिकारियों की ड्यूटी पर अलग अलग रास्तों पर लगा रखी है ताकि ऐसे लोगों को पर निगाह रखी जा सके।

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फिरोपजपुर में डीएपी खाद की कमी, आलू की फसल को होगा नुकसान संवाद सूत्र, फिरोजपुर : किसानों को फसली विभिन्नता लाने के लिए जोर दे रही सरकार किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध करवाने में नाकाम साबित हो रही है। धान की कटाई के बाद किसान अपने खेतों में दूसरी फसल की तैयारी में जुट चुके हैं। बहुत से किसान गेहूं के साथ आलू की बिजाई भी करते हैं। आलू की बिजाई के लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है। लेकिन इस बार डीएपी खाद की कमी किसानों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है।

जिला फिरोजपुर के सरहदी गांव माछीवाड़ा के किसानों ने कहा कि धान की फसल की कटाई के बाद वह आलू की बिजाई करते हैं, लेकिन इस बार डीएपी खाद की कमी के कारण उनकी फसल में देरी हो रही है। किसान जस्सा सिंह, करनैल सिंह, रविद्र सिंह व सतपाल सिंह ने कहा कि उनकी जमीन आलू की बिजाई के लिए बिल्कुल तैयार है, लेकिन आलू की बिजाई में डीएपी खाद की सबसे अधिक जरूत होती है और सरकार की ओर से अभी तक डीएपी खाद किसानों को पूरी तरह से उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। अगर डीएपी खाद समय पर नही मिली तो आलू की बिजाई में देरी हो जाएगी, जिससे उन्हें काफी नुकसान होगा।

किसान जस्सा सिंह ने कहा कि किसान को जब खाद की जरूरत होती है, तब खाद नहीं मिलती और जब फसल भरने के लिए बारदाने की जरूरत होती है तो बारदाने की कमी आ जाती है और जब फसल बेचने के लिए मंडी आते हैं तो मंडियों में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और अब डीएपी खाद उपलब्ध न करवा कर किसानों को अगली वाली फसल बीजने में मुश्किल आ रही है। उन्होंने कहा कि आलू की फसल के लिए एक एकड़ में चार बोरियों की जरूरत होती है परंतु वह अगर प्राइवेट डीएपी खाद लें तो वह ब्लैक में मिलती है और जल्द डीएपी खाद न मिली तो फसल लगाने में देरी होगी और आलू का साइज छोटा हो जाता है और झाड़ भी कम होगा। उन्होंने कहा कि उनके आसपास के गांवों में लगभग 2000 से 3000 एकड़ जमीन पर आलू की खेती की जाती है। डीएपी खाद की कमी

डीएम मार्कफेड सचिन कुमार से माना कि इस बार डीएपी खाद की कम आ रही है लेकिन जल्द ही डीएपी के एक दो रैक आने वाले है और जल्द ही डीएपी की कमी को पूरा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार जिले में 11640 एमटी में से 2288 एमटी डीएपी आ चुकी है।खाद पीछे से भी नही आ रही और कुछ सोसायटियों की ओर छह करोड़ बकाया में से सिर्फ तीन करोड़ ही आए है। लेकिन फिर भी डीएपी की कमी को जल्द ही पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

ब्लैक नहीं हो रही खाद

प्राइवेट फर्टीलाइजर यूनियन के जिला प्रधान विनोद सोई ने कहा कि डीएपी की कमी तो है और लेकिन कोई भी प्राइवेट फर्टीलाइजर वाला ब्लैक नहीं कर रहा है। उन्होंने अपने डीलर्स को अपील की है कि अगर उनके पास डीएपी मौजूद है तो वह ब्लैक भी न करें।


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