ऑयल इंडस्ट्री के बॉयलर टैंक में सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत
गांव आलमगढ़ बाईपास स्थित फोकल प्वाइंट में बनी आयल इंडस्ट्री के बॉयलर टैंकों में तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
संवाद सहयोगी, अबोहर (फाजिल्का) : गांव आलमगढ़ बाईपास स्थित फोकल प्वाइंट में बनी आयल इंडस्ट्री के बॉयलर टैंकों में तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अभी तक मृतकों को पूरा पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि जब मजदूर बेसुध हो गए तो उनको पहले बाहर निकालने का प्रयास उनके साथी करते रहे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो इसकी सूचना नर सेवा नारायण सेवा समिति व प्रशासन को दी गई। इसके बाद मौके पर एसडीएम पूनम सिंह, एसपी मंजीत सिंह, डीएसपी संदीप कुमार, थाना प्रभारी सुनील कुमार, दमकल गाडी, एंबुलेंस, पुलिस टीमें, मार्केट कमेटी एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और टैंक में बेसुध पड़े कर्मचारियों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू कर दिया। कर्मचारियों को बाहर नहीं निकालने का रास्ता नहीं दिखता देख आखिर प्रशासन ने आर्मी की एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया, जिन्होंने इलेक्ट्रॉनिक कैमरों की सहायता से टैंक में गिरे कर्मचारियों को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। टैंक का मुंह ऊपर से ज्यादा बड़ा न होने के कारण अंदर उतरे कर्मियों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। करीब तीन घंटे तक चले रेसक्यू ऑपरेशन के बाद एनडीआरएफ टीम की मदद से तीनों की रस्से के जरिए बाहर निकाला जा सका। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। तीनों को एक एक करके जैसे ही बाहर निकाला गया तो उन्हें तुरंत एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल में पहुंचाया गया लेकिन यहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
दो साल से फैक्ट्री चला रहा हैं मालिक शेर सिंह
फैक्ट्री के मालिक शेर सिंह ने बॉयलर में कुछ फाल्ट आ गया था जिसकी पाइप यहां से न मिलने के वह खुद पाइप लेने के लिए फाजिल्का चला गया व उसने कर्मियों को कहा था कि वह बॉयलर का ढक्कन खोल दें ताकि ढक्कन बंद रहने से टैंक में जमा गैस बाहर निकल जाए लेकिन उनके आने से पहले ही यह तीनों सफाई करने इसके अंदर चले गए। इसका पता उसे यहां आने पर ही चला। जिसके बाद उनके निकालने के लिए प्रशासन से संपर्क किया गया। शेर सिंह का कहना है कि वह फैक्ट्री करीब दो साल से चला रहा है। यह कर्मी काफी तुजुर्बेकार थे। मालिक के अनुसार बद्रीनाथ करीब 3-4 महीने से ही उसके पास काम कर रहा था। उसने बताया कि उसने करीब 44 लाख का लोन लेकर यह प्रोजेक्ट लगाया है।
कल ही वापस आया था हैप्पी
फैक्ट्री मालिक शेर सिंह ने बताया कि हैप्पी कल यानि बुधवार को ही काम पर दुबारा आया था। उसने बताया कि हैप्पी कुछ समय पहले बागों की कटाई करने लगा था वह उनके यहां से नौकरी छोड़ गया था। वह कल ही दुबारा नौकरी पर आया था। बताते हैं कि हैप्पी का एक सवा साल का बेटा है। फैक्ट्री में करीब दस ही लोग ही काम करते थे। फैक्ट्री के अंदर तापमान था काफी अधिक
फैक्ट्री के अंदर काफी अधिक तापमान था जिस कारण वहां खड़े रहने भी मुश्किल था। इस दौरान एसडीएम पूनम सिंह व अन्य अधिकारी तीन चार घंटे तक मौके पर ही खड़े रहे। एसडीएम ने इस बात पर दुख जताया कि तीनों कर्मियों को बचाया नहीं जा सका लेकिन तीनों को बाहर निकाल पाना भी काफी मुश्किल काम था जिसे आर्मी टीम ने किया व उन्होंने इसके लिए टीम का आभार भी जताया।