कोरोना इफेक्ट: इस बार जेल में बंद भाइयों की कलाई पर राखी नहीं सजा सकी बहनें
भाई-बहन के बीच प्रेम के प्रतीक त्योहार राखी पर भी कोरोना का इफेक्ट साफ देखने को मिला है। जहां एक ओर बाहरी राज्यों में रहने वाली बहनों ने राखियां कोरियर करवाई तो वहीं कई जिलों में कोरोना केस अधिक होने के चलते भाइयों ने ही बहनों को आने से मना कर दिया।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : भाई-बहन के बीच प्रेम के प्रतीक त्योहार राखी पर भी कोरोना का इफेक्ट साफ देखने को मिला है। जहां एक ओर बाहरी राज्यों में रहने वाली बहनों ने राखियां कोरियर करवाई, तो वहीं कई जिलों में कोरोना केस अधिक होने के चलते भाइयों ने ही बहनों को आने से मना कर दिया। वहीं इस बार जेल में बंद भाइयों की कलाई पर भी बहनों को राखी बांधने का मौका नहीं मिल सका।
जेल प्रशासन ने कोरोना के चलते राखी बांधने के लिए बहनों को इजाजत नहीं दी। जो बहनें जेल में भाइयों को राखी बांधने पहुंची, उनकी राखियां जरूर ली गई और उन्हें जेल अंदर बंद भाइयों तक पहुंचाया गया। हर साल राखी के त्योहार पर जेल में बंद बंदियों से बहनों की मुलाकात कराई जाती थी। इसमें भाई-बहन एक साथ बैठ कर राखी बंधवाते थे और एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाते थे। इस बार भाई-बहन के बीच प्यार के इस त्योहार पर कोरोना संक्रमण की दीवार खड़ी हो गई है। पंजाब सरकार के आदेशों अनुसार फाजिल्का में बनी सब जेल में भी बंदियों को उनकी बहनों से मिलने की इजाजत नहीं दी गई। गांव हाजर खां से निवासी महिला ने बताया कि उसका भाई फाजिल्का की सब जेल में किसी मामले में बंद है। वह इस प्रेम के त्यौहार को छोड़ना नहीं चाहती थी। जिसके चलते उसने अपने एक अन्य भाई के माध्यम से जेल प्रशासन तक राखी और मिश्री पहुंचाई, जिस पर जेल प्रशासन द्वारा अंदर पहुंचाया गया। इस संबंधी सब जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट गुरप्रीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि इस बार कोरोना के चलते मिलने की इजाजत नहीं दी गई। जो भी लोग आए, उनसे राखियां लेकर उन्हें सैनिटाइज कर बंदियों तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते समय समय पर जेल को सैनिटाइज करने का कार्य भी किया जा रहा है।
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सोमवार को रही बाजारों में रौनक
पिछले दो दिन से शहर के विभिन्न बाजारों में स्टालें लगाकर बैठे दुकानदारों का सोमवार को कुछ कार्य निकला। हालांकि लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार व रविवार को अच्छी बिक्री होगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दुकानदार नरेश कुमार, जसवंत सिंह, सुदेश कुमार ने कहा कि इस बार राखी का त्यौहार पिछले साल के मुकाबले 60 से 70 प्रतिशत ही रहा है। इसका कारण कोरोना का इफेक्ट ही माना जा रहा है। एक तो दूर जिलों में रहने वाली बहनें नहीं आई, दूसरा बाजारों में लोग खरीददारी करने के लिए कम पहुंचे।