डीसी दफ्तर के बाहर अध्यापकों ने फूंका सरकार का पुतला
जिला फाजिल्का के अध्यापक संगठनों की ओर से वीरवार को मोहाली में चल रहे कच्चे अध्यापकों के संघर्ष का समर्थन करते हुए जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स के बाहर सरकार का पुतला फूंक नारेबाजी की गई।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिला फाजिल्का के अध्यापक संगठनों की ओर से वीरवार को मोहाली में चल रहे कच्चे अध्यापकों के संघर्ष का समर्थन करते हुए जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स के बाहर सरकार का पुतला फूंक नारेबाजी की गई।
इस मौके ईटीटी यूनियन के कुलदीप सबरवाल, बीएड अध्यापक फ्रंट के दपिद्र ढिल्लों, लेक्चरर यूनियन के कुलदीप ग्रोवर, ईपी यूनियन के रमनदीप मान, एसएसए रमसा यूनियन के दलजीत सबरवाल, जीटीयू के परमजीत, डीटीएफ के महिद्र व ईटीटी टेट पास अध्यापक यूनियन के इंकलाब गिल ने कहा कि सरकार 20 सालों से कम वेतन पर कार्य कर रहे अध्यापकों का शोषण कर रही है, जिस कारण इन अध्यापकों ने बुधवार को सरकार की नीतियों से तंग आकर शिक्षा बोर्ड के कार्यालय का घेराव किया और कुछ अध्यापकों ने आत्मदाह करने की भी कोशिश की, जिसके रोष स्वरूप जिला फाजिल्का की समूह अध्यापक संगठनों के आह्वान पर फाजिल्का जिले के बड़ी संख्या में अध्यापकों ने स्वामी विवेकानंद पार्क से रोष मार्च करने के बाद जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स के बाहर सरकार पुतला फूंका।
अध्यापक नेताओं ने सभी कच्चे अध्यापकों को बिना शर्त विभाग में पक्के करने की मांग की। साथ ही सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने मांग पूरी न की तो संघर्ष को तेज किया जाएगा। इस मौके प्रेम कंबोज, रकेश सिंह, भगवंत भठेजा, अमनदीप सिंह, परमजीत सिंह, विक्रम, रजिन्दर कौर, सुमन बाला, ज्योति, बलदेव कंबोज, राजन सचदेवा, ममता रानी, अनीता, पूजा रानी, कृष्ण कुमार, गुरविन्दर सिंह, रमेश कंबोज, संयम सचदेवा, कर्ण कुमार, जतिंदर कश्यप, सुनील गांधी, बलजीत सिंह, सुरिंदर कुमार, अश्वनी कटारिया, अनिल छाबड़ा, वरिंदर सिंह, हरविंदर सिंह व अन्य उपस्थित रहे।
अध्यापकों को बिन शर्त रेगुलर करने की मांग संवाद सहयोगी, अबोहर : तहसील अबोहर के अध्यापकों की बैठक नेहरू पार्क में हुई। इस दौरान मोहाली में संघर्ष कर रहे कच्चे अध्यापकों के संघर्ष की हिमायत की गई व सरकार से कच्चे अध्यापकों को बिना शर्त रेगुलर करने की मांग की गई।
वक्ताओं ने कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनावों के समय खुद इन अध्यापकों के धरने में पहुंचकर कहा था कि इन अध्यापकों की तनख्वाह बेहद कम है और उनकी सरकार आने पर वे पहली कैबिनेट मीटिग में इन्हें रेगुलर करेंगे, लेकिन साढे चार साल बीत चुके हैं लेकिन सरकार ने इनकी मांग पूरी नहीं की। यह अध्यापक मात्र छह हजार वेतन पर काम करते हुए आर्थिक परेशानियां झेल रहे है। इस मौके पर भगवंत भठेजा, सोहन लाल, रविद्र शर्मा, रमेश कुमार, अनमदीप सिंह, राजेश डोडा, जोगिदर सिंह, विनय कुमार, परविदर ग्रेवाल, कुलजीत सिंह, शमिदर सिंह काफी संख्या में अध्यापक मौजूद थे।