संस्था अंतस् ने ऑनलाइन काव्य-गोष्ठी करवाई
फिजिकल डिस्टेनसिग के चलते लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं।
प्रवीण कथूरिया, अबोहर: फिजिकल डिस्टेनसिग के चलते लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव अनुसार लोग घरों में परिवार के साथ रहते हुए इस समय को सकारात्मक, सृजनात्मक गतिविधियों में व्यतीत करें। इसे मूर्त रूप देने का प्रयास किया साहित्यक संस्था अंतस् ने, संस्था काव्य गोष्ठी का सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजन किया।
हालांकि इसका संचालन दिल्ली से कवियत्री पूनम माटिया ने किया लेकिन अबोहर सहित अनेक जगहों के साहित्य प्रेमियों ने इसका आनंद लिया। देश के कौने-कौने व विदेश से कवियों को एक ही समय पर एक पटल पर जोड़ने के मुश्किल कार्य अंजाम दिया गया। लगभग 25 कवियों के काव्य-पाठ की ऑडियो एकत्र कर संयोजित की गई और तय समय पर सभी कविगण और सैकड़ों श्रोतागण पंजाब, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश से ऑनलाइन उपस्थित रहे।
ऑनलाइन गोष्ठी में प्रवीण शुक्ल, कीर्ति काले का सान्निध्य अंतस् को हासिल रहा और विशिष्ट अतिथि रहे जयपुर से अब्दुल गफ्फार, बीकानेर से राजेन्द्र स्वर्णकार और छत्तीसगढ़ से राजकुमार धर द्विवेदी और दिल्ली से प्रदीप जैन तथा प्रेम बिहारी मिश्र। हास्य-व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर और सिद्धस्त मंच संचालक प्रवीण शुक्ल के अनुसार-इस गोष्ठी के माध्यम से एक नया संदेश देश में गया कि अगर हमारे भीतर संकल्प की शक्ति है, यदि हम साहित्यिक अलख और समाज को जगाना चाहते हैं तो उदासीन होने के स्थान पर लगातार आगे बढ़ने और नए रस्ते खोजने की जरूरत है जैसा अंतस् ने किया है।