पोस्टल विभाग में बीपीओ बन कर शिवानी ने बदली लोगों की धारणा
जिन बेटियों को अधिकतर लोग बोझ समझ हैं नहीं बेटियां समाज में मिसाल कायम कर रहीं हैं और लोगों को बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर रही हैं।
जतिन्द्र पिंकल, फिरोजपुर : जिन बेटियों को अधिकतर लोग बोझ समझ हैं, नहीं बेटियां समाज में मिसाल कायम कर रहीं हैं और लोगों को बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर रही हैं। यह सच कर दिखाया है बीपीएम शिवानी ने।
पोस्टल विभाग की तरफ से गांव बारे के में ब्रांच पोस्ट मास्टर के पद पर तैनात फिरोजपुर शहर की रहने वाली शिवानी ने ग्रेजुएशन मकम्मल करके कुछ करने की ठानी। परिवार में शिवानी को भरपूर साथ मिला और उसने पोस्टल विभाग के पेपर की तैयारी की। मेहनत की बदौलत उसकी पोस्टल विभाग में मई 2014 में बतौर बीपीएम सिलेक्शन हो गई। अपने पिता राजिन्द्र जोकि चाय की कैंटीन चलाते हैं। 10 से अधिक गावों को डील कर रही है शिवानी
बतौर बीपीएम शिवानी पर जहां गांव के लोगों के बैंक खाते खोलने की जिम्मेदारी है वहीं पर अपने विभाग के अन्य कई कार्य भी करती है। गांव बारे की में पोस्टल विभाग की ब्रांच के अधीन आते 10 से अधिक गांव जिनमें मुख्य रूप से गांव मदरे, हुसेनी वाला वर्कशॉप, गुलाम हुसेन वाला, कुंडे, गट्टी राजो-के, गट्टी रहीमे-के, भखड़ा, टेंडी वाला, चांदी वाला व माछीवाड़ा आदि गांव के लोगों के अकाउंट खोलती है। वहीं किसी की पेंशन का काम हो अथवा किसी बैंक से पैसे निकालने या जमा करवाने के साथ ही विभाग से मिले अन्य कार्य को अपनी ईमानदारी से निभाती है।
लोगों से भी मिलता है भरपूर सम्मान
शिवानी का कहना है कि उसने बचपन से ही अपने माता-पिता को मेहनत करते देखा है। किसी की मदद करके उसे आत्मिक सुख मिलता है। गांव में घर घर जाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि कई बार अकाउंट खोलने के लिए गांवों में जाना भी पड़ता है लेकिन इसके लिए उसे कभी कोई परेशानी नहीं हुई। क्योंकि गांव में किसी के घर जाने पर उसे एक बेटी का मान सम्मान मिलता है। वह विभाग में अपनी मेहनत व इमानदारी के दम पर तरक्की पाना चाहती है। उसे खुशी है कि वह अपने परिवार के सहयोग के कारण जिदगी में आगे बढ़ने हिम्मत जुटा पाई है। विभाग की तरफ से उसे हर समय सहयोग मिलता रहता है।