भगवान परीक्षा से नहीं प्रतीक्षा से मिलते हैं: स्वामी कमलानंद जी
आज इंसान धर्म और अधर्म को भलीभांति समझता है फिर भी उसकी प्रवृत्ति अधर्म की ओर अग्रसर हो रही है।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : आज इंसान धर्म और अधर्म को भलीभांति समझता है, फिर भी उसकी प्रवृत्ति अधर्म की ओर अग्रसर हो रही है। इसका कारण पुरातन भारतीय संस्कृति का अभाव आज व्यक्ति को अधर्म की ओर धकेल रहा है। यह बात स्वामी कमलानंद गिरी ने श्री राम कथा करते हुए कहे। इस दौरान 11वें दिन में मुख्य यजमान समाजसेवी सुभाष कटारिया, कानूनगो रविदर भुसरी व हरभगवान सचदेवा परिवार ने कथा का पूजन किया।
इस मौके स्वामी जी ने सती और सीता दोनों का वर्णन करते हुए कहा कि दोनों अपनी अपनी परिस्थिति के अनुसार जलकर भस्म होना चाहती हैं। एक जलती जलती बच गई और दूसरी बचते बचते जल गई। सीता जी जलते जलते बच गई और सती जी बचते बचते जल गई। इसका कारण सीता जी को राम से और राम की पावन कथा से अति प्यार था। इसीलिए राम कथा ने सीता जी को बचाया। उन्होंने बताया कि 16 फरवरी को मंदिर प्रांगण से सुबह 5 बजे विशाल प्रभातफेरी निकाली जाएगी, जोकि नगर के अलग-अलग बाजारों व गलियों में होती हुई वापिस मंदिर पहुंचेगी। आयोजन में महावीर प्रसाद मोदी, इंजि. विनोद गुप्ता, अश्वनी बांसल, नरेश अरोड़ा, अशोक चुचरा, राकेश धवन, किरण चौपड़ा, प्रेस सचिव सुधीर सिडाना, विपुल दत्ता, बिहारी लाल गुप्ता, इंजि. जय लाल, विजय आर्य, सुभाष बांसल, नंद लाल सिगला व अन्य सहयोग कर रहे हैं।