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Fazilka: जिले में नहीं सरकारी ट्रैफिक स्कूल, प्राइवेट से प्रशिक्षण ले रहे लोग

Fazilka सड़क हादसों के कारणों में एक बड़ा कारण यातायात नियमों की ज्यादा समझ ना होना है। कई लोग तो ऐसे हैं जो ड्राइविंग स्कूलों से वाहन चलाना सीखकर वहीं कुछ ड्राइविंग सीखे और लाइसेंस बनवाए बिना ही सड़कों पर वाहन चलाने लगते हैं।

By mohit KumarEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Sun, 20 Nov 2022 11:18 PM (IST)Updated: Sun, 20 Nov 2022 11:22 PM (IST)
Fazilka: जिले में नहीं सरकारी ट्रैफिक स्कूल, प्राइवेट से प्रशिक्षण ले रहे लोग
Fazilka: जिले में नहीं सरकारी ट्रैफिक स्कूल, प्राइवेट से प्रशिक्षण ले रहे लोग : जागरण

फाजिल्का, जागरण टीम: एक से दो दशक पहले तक वाहनों की संख्या काफी कम थी, लेकिन अब तो सड़कों पर वाहनों की भरमार हो गई है। इससे हादसों की संख्या भी बढ़ी है। सड़क हादसों के कारणों में एक बड़ा कारण यातायात नियमों की ज्यादा समझ ना होना है। कई लोग तो ऐसे हैं, जो ड्राइविंग स्कूलों से वाहन चलाना सीखकर और लाइसेंस बनवाते समय ड्राइविंग का टेस्ट देकर खुद को साबित कर सड़कों पर वाहन चलाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे हैं जो केवल ड्राइविंग सीखकर बिना लाइसेंस बनवाए ही सड़कों पर वाहन चलाने लगते हैं, जोकि सड़क हादसों का कारण बनते हैं।

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फाजिल्का की बात करें तो यहां लाइसेंस के टेस्ट के लिए ट्रैक तो बना दिए गए हैं, लेकिन यहां सरकारी ट्रैफिक स्कूल नहीं है, जिसके चलते लोग प्राइवेट ड्राइविंग से ही वाहन सीखते हैं। जबकि प्रशासन द्वारा भी सरकारी ट्रैफिक स्कूल को लेकर प्रयास न के बराबर ही हैं।

फाजिल्का जिले की बात करें तो यहां की तीन तहसीलों में लगभग सात से नौ प्राइवेट ट्रैफिक स्कूल लोगों को वाहन चलाने की शिक्षा देते हैं। लेकिन इनका ड्राइविंग सिखाने को लेकर समय निर्धारित नहीं है। वहीं बात अगर ड्राइविंग सीखने के लिए ट्रैक की करें तो यहां ज्यादातर जगहों पर खुले में ही गाड़ी चलाना सिखाई जाती हैं, जिसके बाद उन्हें धीरे धीरे करके सड़कों पर लाया जाता है। अकसर ही देखने में आता है कि कुछ लोग गाड़ी चलाना सीखकर बिना लाइसेंस बनवाने के टेस्ट दिए ही सड़कों पर वाहन दौड़ाना शुरू कर देते हैं। लेकिन नियमों के अनुसार सड़कों पर वाहन तभी चलाया जा सकता है, जब आपका लाइसेंस बना हो।

लाइसेंस बनाने के दौरान चालक को गाड़ी चलवाने से लेकर अन्य नियमों को लेकर जानकारी होने के बारे में भी टेस्ट लिया जाता है। जिससे बचने के चक्कर में और कुछ तो लापरवाही के चलते वाहन चलाने लगते हैं, जिससे हादसे बढ़ रहे हैं। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की सख्ती से बिना लाइसेंस के गाड़ियां चलाने वालों पर लगाम लग गई है, लेकिन अगर यहां सरकारी स्तर पर ट्रैफिक स्कूल खुल जाए, तो लोग आसानी से उनके पास वाहन सीखने के लिए पहुंचेंगे और लाइसेंस के लिए भी अप्लाई करेंगे।

अभिभावकों का लाड-प्यार बिगाड़ रहा

एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। अगर दूसरे पहलू की बात करें तो लोगों में जागरूकता की कमी भी सड़क हादसों का कारण बन रही है। कुछ अभिभावक लाड-प्यार में अपने नाबालिग बच्चों को दोपहिया वाहन थमा रहे हैं, जिससे जहां सड़कों पर ट्रैफिक की समस्या पैदा हो रही है वहीं दुर्घटनाओं में भी वृद्धि होती जा रही है। हालांकि फाजिल्का पुलिस ने पिछले कुछ समय से नाबालिग वाहन चालकों पर कड़ी कार्रवाई की है और कईयों के वाहन भी बंद किए हैं।

लोगों को भी निभानी चाहिए जिम्मेदारी

ट्रैफिक पुलिस के कर्मी जंगीर सिंह पूरा वर्ष ही विभिन्न कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करते हैं। इस वर्ष भी वह 100 से अधिक ट्रैफिक कैंप लगाकर लोगों को जागरूक कर चुके हैं। जंगीर सिंह का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस अपना कर्तव्य निभा रही है, जबकि लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। ऐसे अभिभावक, जो नाबालिग बच्चों को वाहन थमा देते हैं, कि उनसे अपील है कि वह नाबालिग बच्चों को वाहन ना दें।

कुछ ही समय पहले मेरी फाजिल्का में तैनाती हुई है। मैंने स्कूल सेफ पालिसी के साथ-साथ ट्रैफिक अधिकारियों के साथ भी बैठक की है। सरकारी ट्रैफिक स्कूल खोलने को लेकर मैं जांच करवाऊंगा, अगर कोई प्रपोजल हुई तो इस संबंधी कार्य किया जाएगा। -निकास कुमार खिचड़, एसडीएम, फाजिल्का


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