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सरकारी इमारतों व टंकियों की 24 घंटे सुरक्षा के आदेश

जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पाल सिंह संधू ने जिले में पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं जोकि 31 जुलाई तक लागू रहेंगे। डीसी अरविदपाल संधू ने पहले आदेश में सरकारी इमारतों व टंकियों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे कर्मचारी की ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 10:05 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 10:05 PM (IST)
सरकारी इमारतों व टंकियों की 24 घंटे सुरक्षा के आदेश
सरकारी इमारतों व टंकियों की 24 घंटे सुरक्षा के आदेश

संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिला मजिस्ट्रेट अरविंद पाल सिंह संधू ने जिले में पाबंदियों के आदेश जारी किए हैं, जोकि 31 जुलाई तक लागू रहेंगे। डीसी अरविदपाल संधू ने पहले आदेश में सरकारी इमारतों व टंकियों की सुरक्षा के लिए 24 घंटे कर्मचारी की ड्यूटी लगाने के आदेश दिए हैं।

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उन्होंने कहा कि अकसर ही देखने में आता है कि अलग-अलग जत्थेबंदियों की ओर से अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकारी इमारतों व पानी की टंकियों पर चढ़कर आत्महत्या की धमकियां दी जाती है। इन हालातों पर काबू पाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए इन इमारतों व टंकियों पर चढ़कर अलग-अलग जत्थेबंदियों की तरफ से किए जाने वाले रोष प्रदर्शन को रोकना जरूरी है। इसके अलावा एक अन्य आदेश में उन्होंने पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। वहीं तीसरे आदेश में डीसी संधू ने धार्मिक स्थानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहरा लगाने के आदेश जारी किए हैं।

डीसी ने बताया कि पिछले दिनों धार्मिक स्थानों पर शरारती अनसरों द्वारा बेअदबी की घटनाएं की गई हैं, जिस कारण क्षेत्र में तनाव पैदा होने का डर बना रहता है। इसलिए यह जरूरी है कि गांवों व कस्बों में धार्मिक स्थानों की मर्यादा को कायम रखा जाए।

बुनियादी सुविधाओं से वंचित गांव गंट्टी राजोके के लोग संवाद सूत्र, फिरोजपुर : सीमावर्ती गांव गट्टी राजोके निवासियों ने वीरवार को किसान बचाओ मोर्चा फिरोजपुर के नेताओं के नेतृत्व में समस्याओं को लेकर डी.सी फिरोजपुर को एक मांगपत्र सौंपा। किसान बचाओ मोर्चा जिला फिरोजपुर के नेता गोमा सिंह, जसवंत सिंह, जगतार सिंह, बलवीर सिंह, शिगारा सिंह व गांव निवासियों ने गांव में जो डिस्पेंसरी है, उसमें जरूरत अनुसार डाक्टर व अन्य कर्मचारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव के लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे है, लेकिन आज तक सर्वे करके उन्हें बीपीएल कार्ड जारी नहीं किए गए, 2018 में बाढ़ के कारण उनकी फसलें डूब गई थी, जिनका मुआवजा नहीं दिया गया। संस्था नेताओं वगांव के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो उन्हें मजबूर होकर संघर्ष करना पड़ेगी, जिसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।


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