इस अॉनलाइन मोबाइल गेम से बच्चे बन रहे हिंसक, छोटे शहरों में भी बढ़ रहा क्रेज
महानगरों के बाद अब छोटे शहरों के किशोर भी पबजी गेम की लत का शिकार हो रहे हैं। इससे बच्चे हिंसक हो रहे हैं।
अबोहर [प्रवीण कथूरिया]। महानगरों के बाद अब छोटे शहरों के किशोर भी पबजी गेम की लत का शिकार हो रहे हैं। अबोहर क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा। यहां युवा अपना अधिकांश समय इस गेम में बिताना पसंद कर रहे हैं। पबजी गेम खेलने वाले बेशक यह सोचते हैं कि इस गेम के खेलने से उनकी सोचने की क्षमता बढ़ रही है, लेकिन चिकित्सक इस गेम को घातक बता रहे हैं। गेम खेलने वाले युवाओं का तर्क है कि यह एक एेसा खेल है, जिसे इंटरनेट की सहायता से फालतू की चीजें सर्च करने के बजाय दोस्तों के साथ ऑनलाइन इंजॉय कर सकते हैं। इस गेम के लिए युवा रात-रात भर जागते हैं।
क्या है पबजी गेम
पबजी इंटरनेट के माध्यम से खेली जाने वाली गेम है। इसे मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर में खेल सकते हैं। यह एक वीडियो गेम है जिसे दक्षिण कोरियाई वीडियो गेम कंपनी की एक सहायक कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। अधिकतम चार साथियों के माध्यम से टीम में खेल सकते हैं। इसमें सैनिक की भूमिका निभाते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में घुसकर विरोधी पक्ष को गोलियों से मार गिराकर उनका सामान इकट्ठा करना होता है। पंकज, सचिन आदि युवकों ने बताया कि पबजी एक ऐसा गेम है जिससे फ्रस्ट्रेशन खत्म हो जाती है।
बच्चों को हिंसक बना रहा गेम
पूर्व स्काउट कमिश्नर दर्शन लाल चुघ का इस गेम को लेकर मानना है कि इस तरह की गेम बच्चों को हिंसक बना रही है। इनका कांसेप्ट ही सबको खत्म करना और अपनी बादशाहत कायम करना है। जिसका असर बच्चों के व्यवहार पर पड़ सकता है। बाल चिकित्सक डॉ. आरएस रिणवा का मानना है कि इस तरह के गेम्स ली लत बच्चों के लिए नुकसानदायी साबित हो सकती है।
उनका मानना है कि लंबे समय तक वीडियो गेम्स खेलने की वजह से बच्चों की नजरें कमजोर तो होती ही हैं, वहीं फिजिकल एक्टिविटीज कम होने से उनकी मसल्स और हड्डियां भी मजबूत नहीं हो पातीं। वीडियो गेम से उनके व्यवहार में बदलाव आने के कारण वे रियल नहीं वचरुअल लाइफ में जीना शुरू कर देते हैं।
व्यवहार में बदलाव, गुस्सा, नेत्र रोग होने का खतरा: डॉ. राम
डॉ. साहब राम का कहना है कि पबजी गेम मानव शरीर के लिए खतरनाक है, क्योंकि यह फ्रस्ट्रेशन कम करने के बजाय बढ़ाता है। एक बार जिसे इस गेम की लत लग जाती है वह आसानी से इसे छोड़ नहीं सकता। इसके अलावा पबजी के कारण व्यवहार में बदलाव, गुस्सा, आंखों से संबधित रोग होने का खतरा बना रहता है। गेम खेलने वालों का खुद नियंत्रण समाप्त हो रहा है। देर रात तक या अलसुबह तक युवा इस गेम में घुसे रहते हैं, जिससे उनमें अनिद्रा की समस्या भी पेश आ रही है।