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दो दिन में 4790 घरों में की जांच, 40 में मिला लारवा

डेंगू की रोकथाम के लिए नगर निगम के कमिश्नर खुद एक्शन मोड पर हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 10:20 PM (IST)
दो दिन में 4790 घरों में की जांच, 40 में मिला लारवा

संस, अबोहर : डेंगू की रोकथाम के लिए नगर निगम के कमिश्नर खुद एक्शन मोड पर हैं। कमिश्नर अभिजीत कपलिश खुद लोगों के घरों में जा डेंगू के लारवे की जांच कर रहे हैं। यहां तक कि लोगों के घरों की छतों पर भी चढ़ने में देर नहीं लगाते। हालांकि वह जब से आए है तब से वह मीडिया से दूरी ही बनाए हुए हैं।

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सरकारी अस्पताल के हेल्थ इंस्पेक्टर टहल सिंह ने बताया कि नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमें रोजाना घरों में जाकर डेंगू के लारवे की जांच कर रही है, जहां लारवा मिलता है उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी घर में लारवा पाया जाता है तो उसका मौके पर 500 चालान काटा जाता है व अगर किसी दुकान या कर्मशियल अधारे पर लारवा पाया जाता है तो उसका दो हजार रुपये का चालान नगर निगम द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि बुधवार को विभिन्न टीमों द्वारा करीब 2600 घरों की जांच की गई, जिसमें 21 के चालान काटे गए। इसके अलावा वीरवार को 2190 घरों की जांच की गई जिसमें से 53 घरों में लारवा मिला व 19 लोगों के चालान काटे गए। उन्होंने बताया कि नगर निगम कमिश्नर जहां जहां टीमें जांच करती है वहां जाकर भी निरीक्षण करते है व बाकायदा इसकी क्रास चेकिग भी करवा रहे है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार अभी तक शहर में केवल 48 डेंगू के मरीज पाए गए है व सभी का इलाज घरों में ही चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के मुकाबले सिर्फ दस फीसदी ही डेंगू के केस सामने आए।

उधर, नागपाल नर्सिग होम के संचालक डा. सुभाष नागपाल ने बताया कि उनके पास रोजाना चार से पांच मरीज डेंगू के आ रहे हैं, जिसमें शहर व गांवों दोनों के ही शामिल है। इसके अलावा सुदेश अस्पताल के डाक्टर विवेक छाबड़ा ने बताया कि पहले तो रोजना चार से पांच मामले आ रहे थे, लेकिन अब दो दिन से कोई मामला सामने नहीं आया। कूलरों में खड़ा न रहने दें पानी

एसएमओ डा गगनदीप सिंह ने लाोगों से अपील की है कि वह अपने कूलरों को साफ करके रखें। इसके अलावा फ्रिज की ट्रे का पानी भी रोजाना निकाले। रात को पानी बर्तनों में भर कर खुला न रखे। उन्होंने बताया जांच में यह बात सामने आती है कि भले लोगों ने कूलरों का उपयोग बंद कर दिया है लेकिन कूलरों में पानी भरा पड़ा है व उसमें लारवा भी पाया जाता है।


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