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विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे सिविल अस्पताल में बनेगा इन्टेंसिव केयर यूनिटस(आईसीयू)

विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे फिरोजपुर शहर के जिला अस्पताल में इंटेसिव केयर यूनिट्स (आईसीयू)बनेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 10:32 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 06:14 AM (IST)
विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे सिविल अस्पताल में बनेगा इन्टेंसिव केयर यूनिटस(आईसीयू)
विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे सिविल अस्पताल में बनेगा इन्टेंसिव केयर यूनिटस(आईसीयू)

दर्शन सिंह, फिरोजपुर : विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहे फिरोजपुर शहर के जिला अस्पताल में इंटेसिव केयर यूनिट्स (आईसीयू)बनेगा, ये एलान कैप्टन सरकार के शुक्रवार को पेश किये गये बजट में किया गया। लेकिन माहिरों की कमी के चलते यहां यूनिट्स बनाने से माहिर डॉक्टर कहां से आएंगे यह सरकार की कार्यगुजारी पर निशान खड़ा कर रहा है। कहां से होगा 4 एनसथिसिया, माहिरों व 2 वेंटिलेटर का प्रबंध हो सकेगा

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सोलन मेडिकल कॉलेज में काम कर चुके ट्रोमा वार्ड के डॉक्टर शशि ने कहा कि अगर आईसीयू बनेगा वे एनसथिसिया के प्रबंधन अधीन होगा और अगर 10 बेड का होगा तो उसके लिए दो वेंटिलेटर, आईसी पेप की जरूरत पड़ेगा। ये तो 100 बेड का बताया जा रहा है। 10 बेड के यूनिट्स के लिए मेडिसन, सर्जरी, गायनी व बर्न वार्ड का होना जरूरी होता है और इन वार्डो में दाखिल होने वाले सीरियस मरीजों के लिए चार मेडिसन माहिरों के अलावा 24 घंटों के लिए एक मेडिकल अफसर भी माहिरों की गैरमौजूदगी में होना जरूरी है ।

- रेफर होने से बचेंगे सीरियस मरीज--

एसएमओ डॉक्टर गुरमेज राम गोराया के मुताबिक आईसीयू बनने से फिरोजपुरवासियों को फायदा होगा। खासकर उन सीरियस मरीजों के लिए जिन्हें गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य अस्पताल में रेफर करना पड़ता है। सुविधाओं की कमी के कारण ही गंभीर अवस्था वाले मरीज लुधियाना या फिर पीजीआई की तरफ रुख करते हैं। बार्डर पट्टी के एससी संख्या वाले गांवों के सुधरेंगे हालात

रायसिख बिरादरी से संबंधित नेताओं का कहना है कि बजट में किये गए एलान से जिन इलाकों के हालत सुधरेंगे उनमें ज्यादातर बार्डर पट्टी के गांव है। इन गांवों की संख्या अनुसूचित जाति से संबंधित है जिले के ज्यादातर ये गांव भारत-पाक सीमा के साथ सटे हैं और जो हालात इन गांवों के है उनका सुधार होगा।

प्रफूल्लित होगी एकीकृत बाल विकास योजना

शांति देवी, गुरमीत कौर ने कहा कि बजट में एकीकृत बाल विकास योजना को प्रफूल्लित करने के लिए सरकार का प्रयास गर्भवती व नवजात के लिए फायदेमंद होगा और ये बात सेहत अधिकारी भी मान रहे हैं।

दो साल बाद सुधरेगी हालात

शहरवासी कहते हैं कि कौंसिल के अधीन लिये गए चार गांवों में अगर बजट की राशि का हिस्सा लगाया जाता है उनकी हालत सुधरेगी, क्योंकि शहर के साथ लगती बस्ती निजामदीनवाली के साथ साथ तीन अन्य गांवों में सीवरेज से लेकर वाटर सप्लाई व अन्य सुविधाओं का नामोनिशान नहीं है, दो साल बाद लगता है इनका सुधार हो सकेगा।


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