कोरोना काल में महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट
कोरोना काल के दौरान महंगाई की मार ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सरसों के तेल के दाम एक महीने में ही 25 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं।
राज नरूला, अबोहर : कोरोना काल के दौरान महंगाई की मार ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। सरसों के तेल के दाम एक महीने में ही 25 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। इसके अलावा रिफाइंड के दाम में पिछले महीने के मुकाबले 15 रुपये प्रति लीटर व डालडो घी के दामों में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
करियाना विक्रेता प्रदीप गर्ग का कहना है कि लाकडाउन की चर्चा से बाजार में कुछ तेजी आई है। कई राज्यों में रात का लाकडाउन लगाया भी गया है, जिससे ग्राहक को जरूरत से ज्यादा सामान खरीद कर घर रखने की आदत पड़ गई है। उनका कहना है कि पहले राशन स्टाक करने की लिमिट होती थी लेकिन अब कोई सीमा नहीं है जिसके चलते अब अनेक पूंजीपतियों ने सरसों का आपार भंडारण कर लिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कल ही सरसों के भंडारण की सीमा तय कर देती है तो इसके साथ ही सरसों के तेल के दामों में गिरावट आ जाएगी।
गृहणी नेहा ने कहा कि हमारी रसोई का बजट इतना बिगड़ गया है कि अब कम चीजों से ही काम चलाना पड़ता है। दिन प्रतिदिन हर वस्तु के दाम बढ़ा लिए जाते हैं। महिला रजनी बाला ने कहा कि हर कोई जानता है कि जो खानपान की चीजें हैं उनको हर हाल में खरीदा जाएगा। फिर चाहे कम खाएं या ज्यादा। इस महंगाई के चलते उनका महीने का बजट पूरी तरह से बिगड़ा हुआ है। नीलम ने कहा कि रसोई गैस की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे जो मासिक बचत की जाती थी वह भी काफी समय से खत्म हो चुकी है।
वस्तु 24 मार्च 2021 का रेट 24 अप्रैल 2021 का रेट
रिफाइंड 140 रुपये प्रति लीटर 155 रुपये प्रति लीटर
सरसों तेल 135 रुपये प्रति लीटर 160 रुपये प्रति लीटर
डालडा घी 135 रुपये प्रति लीटर 140 रुपये प्रति लीटर
मुंगी धोती दाल 110 रुपये किलो 120 रुपये किलो
दाल चना 75 रुपये किलो 85 रुपये किलो
बेसन 80 रुपये किलो 90 रुपये किलो
काला चना 70 रुपये किलो 80 रुपये किलो
कावली चना 90 रुपये किलो 100 रुपये किलो