बहादरखेड़ा सरकारी स्कूल बना 'स्मार्ट' प्राइवेट स्कूलों को दे रहा मात
गांव बहादरखेड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल की तस्वीर अध्यापक सुनील कुमार ने बदल दी है।
संवाद सहयोगी, अबोहर : गांव बहादरखेड़ा के सरकारी प्राइमरी स्कूल की तस्वीर अध्यापक सुनील कुमार ने बदल दी है। अब यह स्कूल प्राइवेट स्कूलों को मात दे रहा है। स्कूल हैड सुनील कुमार ने बताया कि जब उन्होंने इस स्कूल का कार्यभार संभाला तो यहां कमरों की हालत खस्ता थी। स्कूल का सारा मैदान भी कच्चा और मिट्टी भरा था। उन्होंने स्कूल को सुंदर बनाने का बीड़ा उठाया। सरकारी अनुदान आने की उम्मीद छोड़ खुद ही पढ़ो पंजाब टीम की प्रेरणा से स्कूल की दशा बदलने के लिए कदम बढ़ाया। धीरे धीरे उनके पास पैसे इकट्ठे होते गए, वह स्कूल के विकास में खर्च करते गए। अब स्कूल को स्मार्ट स्कूल का दर्जा मिल चुका है। स्कूल में पिछले वर्ष दो कमरों की ग्रांट सरकार ने दी, लेकिन उन्होंने पूरी इमारत, जिसमें तीन कमरे, एक दफ्तर व स्कूल के प्रांगण को पक्का करवा दिया। इसमें गांव के दानी सज्जनों व स्टाफ का सहयोग भी रहा।
स्कूल को स्मार्ट बनाने के लिए कमरों को इस तरह रंग-रोगन व पाठ्य सामग्री से सजाया गया है कि देखने वाले की आंखे ठहर जाती हैं। स्कूल हैड टीचर ने 75 हजार रुपये खर्च किए। इसमें 25 हजार की ग्रांट विभाग ने दी और 50 हजार रुपये उन्होंने अपनी जेब से खर्च किए। स्कूल में पांच सुंदर बगीचे तैयार करवाए गए हैं, जिनकी सार-संभाल स्कूल समय के बाद वह छुट्टी वाले दिन भी जाकर वह खुद करते हैं। बच्चों के बैठने के लिए सभी कक्षाओं में बैंच बनाए गए हैं। स्कूल की दीवारों व प्रत्येक कमरों में प्रेरणादायी स्लोगन व महापुरुषों के चित्र बनाए गए हैं। विद्यार्थी खेलों में भी नाम कमा रहे हैं। अब इस स्कूल के विद्यार्थी संगरूर में हो रही राज्य स्तरीय खेलों में फुटबाल टीम में भाग ले रहे हैं।
हरा-भरा वातावरण पढ़ाई के लिए करता है आकर्षित
स्कूल के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही हरा-भरा परिसर और दीवारों पर ज्ञानवर्धक चित्रकारी खुद-ब-खुद ही ध्यान आकर्षित करती है। कक्षाओं में सफाई और बैठने के लिए बैंच नौनिहालों की पढ़ाई में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ एलईडी, बगीचे, स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने वाला माहौल और ऐसी कई चीजें हैं। कभी गंभीर अभावों से जूझ रहे इस स्कूल को आदर्श पाठशाला बनाने का ज्यादातर श्रेय यहां के स्कूल हैड सुनील कुमार व स्टाफ व गांव के दानी सज्जनों का रहा है। उन्होंने बताया कि स्कूल में कंप्यूटर लैब, झूले व अंग्रेजी मीडियम जल्द ही शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है।
दो साल में बढ़ी संख्या, पहली से पांचवीं कक्षा तक 275 विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई
हैड टीचर सुनील ने बताया कि दो सालों से स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ी है। पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक कुल पौने दो सौ के करीब बच्चे थे जो अब बढ़कर करीब पौने तीन सौ के करीब पहुंच गए हैं। स्कूल में प्री प्राइमरी कक्षा शुरू होने के बाद लोगों का रुझान बढ़ गया है। प्राइवेट स्कूलों के बच्चे भी इस स्कूल में दाखिल हुए हैं। उन्होंने बताया कि न केवल स्कूल की इमारत की नुहार बदली गई है, बल्कि बच्चों की शिक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है। पिछले कई सालों से स्कूल का परिणाम ब्लॉक के बेहतरीन स्कूलों में शामिल हैं।