अष्ठमी के दिन घर आई कंजक, परिवार खुश
कंजक पूजन के दिन चार कन्याओं का हुआ जन्म।
राज नरूला, अबोहर : जहां एक तरफ नवरात्रों के समापन घर घर में कंजकों की पूजा हो रही थी तो वहीं दूसरी तरफ कंजक पूजन के दिन नागपाल नर्सिग होम में तीन व सरकारी अस्पताल में एक कन्या रूपी कंजकों का जन्म हुआ। अष्ठमी के दिन घर में कंजक पैदा होने पर परिवार फूले नहीं समा रहा था। उनका कहना है कि उनके घर पर मां की कृपा हुई है कि उनके घर में कंजक ने जन्म लिया है। खासबात यह है कि कन्या को जन्म देने वाली तीनों महिलाओं का यह पहला बच्चा है। गौरतलब है कि रविवार को नवरात्रों के समापन पर घर घर में कंजक बिठाकर कंजक पूजन किया गया। लड़का-लड़की में कोई अंतर नहीं
नागपाल नर्सिग होम में गांव अमरपुरा निवासी किरण पत्री प्रदीप सिंह ने कंजक पूजन के दिन कन्या को जन्म दिया। उनका यह पहला बच्चा है। जहां किरण व उसका पति प्रदीप कन्या रूपी सौगात पाकर खुश है तो वहीं मौजूद किरण की सास सरोज ने कहा कि इस दिन उनके घर पर मां की कृपा हुई है। उन्होंने कहा कि किरण का पहला बच्चा है जिसे पाकर वह खुश है। उन्होंने कहा कि जच्चा बच्चा स्वस्थ है यह सबसे बड़ी खुशी है। उन्होंने कहा कि आजकल लड़का लड़की में कोई अंतर नहीं है और यह तो परमात्मा की सौगात है व उसके हाथ में होता है उसे खुशी खुशी स्वीकार करना चाहिए। बच्ची के पिता ने कहा कि उन्हे बेहद खुशी है कि ऐसे शुभ दिन पर उन्हें लक्ष्मी की सौगात प्राप्त हुई है। पवित्र दिन पर हुआ शुभ काम
राजविदर कौर पत्नी संदीप कुमार निवासी अरनीवाला ने भी बच्ची को जन्म दिया है। यह परिवार भी कंजक पूजन के दिन कन्या को पाकर बेहद खुश है। बेटी को जन्म देने की खुशी बयां करते हुए मां राजविदर ने कहा कि इस पवित्र दिन के दिन बेटी पाकर काफी संतुष्ट है। ये उसकी पहली संतान है। इस अवसर पर उसकी सास किरणा बाई ने खुशी जताते हुए कहा कि वह बहुत खुश है। उन्होंने इस अवसर पर मिठाई भी बांटी।
महक पत्नी अजय कुमार निवासी अलियाना ने भी नागपाल नर्सिग होम पर एक बेटी को जन्म दिया है। महक का कहना है कि उसे खुशी है कि उसकी कोख से लक्ष्मी स्वरूप कन्या ने जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि उनकी यह पहली संतान है इसलिए वह इसको पाकर बहुत खुश है। इस अवसर पर डॉ. लतिका नागपाल ने कहा कि आजकल लड़की होने पर भी लोग मिठाई बांटते हैं वह लड़का हो या लड़की इसे खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं। उन्होंने बताया कि वह भी अकसर महिला को यह समझातीं हैं कि इस समय यह मायने नहीं रखता है कि लड़का होगा या लड़की। डिलीवरी के समय तो यह बात मायने रखती है कि जच्चा बच्चा स्वस्थ हो। इसके अलावा यहां के सरकारी अस्पताल में भी एक कन्या ने जन्म लिया है।