अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन
फाजिल्का सिद्ध श्री दुग्र्याना मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा करते हुए स्वामी अमन भारती ने वामन अवतार श्री कृष्ण जन्म का वर्णन किया। उन्होंने कथा करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा एक पुस्तक ही नहीं बल्कि साक्षात भगवान श्री कृष्ण का दर्शन है। स्वामी जी ने कहा कि मानव को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार मानव का सबसे बड़ा दुश्मन है।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : सिद्ध श्री दुग्र्याना मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा करते हुए स्वामी अमन भारती ने वामन अवतार, श्री कृष्ण जन्म का वर्णन किया। उन्होंने कथा करते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा एक पुस्तक ही नहीं, बल्कि साक्षात भगवान श्री कृष्ण का दर्शन है। स्वामी जी ने कहा कि मानव को कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार मानव का सबसे बड़ा दुश्मन है। अहंकार में आकर इंद्र ने वृंदावन में भारी बारिश की, लेकिन श्री कृष्ण ने इंद्र का अहंकार तोड़ने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर कई दिनों तक उठाया, जिसके बाद इंद्र का अहंकार टूटा और उसने प्रभु की शरण ली। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से लौकिक और अध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से ही व्यक्ति भव सागर से पार हो जाता है। उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस कथा से व्यक्ति के अंदर का अंधकार दूर हो जाता है। स्वामी जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्प वृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने लोगों को कुछ समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कलयुग का प्रभाव होने के कारण मनुष्य में क्रोध व अहंकार बढ़ता जा रहा है, जिसे नष्ट करने के लिए श्रीमद भागवत कथा जरूरी सुननी चाहिए। मंदिर कमेटी के प्रधान सुभाष चलाना व पुजारी सुरिद्र शर्मा ने बताया कि 30 मार्च तक रोजाना कथा शाम चार से सात बजे तक होगी, सवा सात बजे पूजन के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 31 मार्च को कथा का समापन होगा, जिसमें हवन के बाद खुला भंडारा लगाया जाएगा।