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रेलवे स्टेशन से हटे किसान, मालगाड़ियां चलाने की मांग

भले ही कोरोना महामारी के चलते केंद्र ने लंबे समय से ट्रेनों को बंद किया हुआ है लेकिन अब जैसे जैसे कोरोना के मामले कम आ रहे हैं वैसे वैसे रेलवे विभाग भी कोरोना हिदायतों को ध्यान में रखते हुए रेल गाड़ियों को चलाने का प्लान बना रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 07:01 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 07:01 AM (IST)
रेलवे स्टेशन से हटे किसान, मालगाड़ियां चलाने की मांग
रेलवे स्टेशन से हटे किसान, मालगाड़ियां चलाने की मांग

जागरण संवाददाता, फाजिल्का : भले ही कोरोना महामारी के चलते केंद्र ने लंबे समय से ट्रेनों को बंद किया हुआ है, लेकिन अब जैसे जैसे कोरोना के मामले कम आ रहे हैं, वैसे वैसे रेलवे विभाग भी कोरोना हिदायतों को ध्यान में रखते हुए रेल गाड़ियों को चलाने का प्लान बना रहा है। लेकिन पिछले कुछ समय से किसानों के रोष प्रदर्शन के चलते मालगाड़ियां भी बंद पड़ी हुई हैं, जिसके चलते अब किसान संगठन ना केवल रेलवे ट्रैक से हट गए हैं, बल्कि रेलवे प्लेटफार्म से भी किसानों ने धरना उठाकर स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित रेलवे पार्क में धरना लगा लिया है। लेकिन अभी भी रेलवे विभाग द्वारा गाड़ियों को चलाने संबंधी बात नहीं की गई है।

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जिले में केवल फाजिल्का के रेलवे स्टेशन पर ही यह धरना चल रहा है, जोकि पिछले 38 दिनों से जारी है। किसानों की ओर से दो दिन से यह धरना रेलवे स्टेशन के सामने स्थित पार्क में लगाया जा रहा है। इस मौके भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रगट सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कहा जा रहा था कि किसानों के रेलवे प्लेटफार्म पर होने के चलते वह गाड़ियां नहीं चला रहे, जिस कारण उन्होंने रेलवे स्टेशन से धरना उठा लिया और रेलवे स्टेशन के पार्क के बाहर धरना लगाया गया है। लेकिन इसके बावजूद केंद्र मालगाड़ियों को शुरू नहीं कर रहा। लेकिन किसान अपना धरना तक तब जारी रखेंगे, जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से मांग की कि मालगाड़ियों का आवागमन शुरू किया जाए व किसान संगठनों के साथ बैठक करके उनकी बात सुनी जाए। उन्होंने कहा कि किसान संगठन अपनी फसलें छोड़कर लगातार धरना स्थल पर बैठे हैं, लेकिन इसके बावजूद केंद्र उनकी बात नहीं सुन रहा, जिसके रोष स्वरूप 27 नवंबर को दिल्ली में किसानों की ओर से संघर्ष करके आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी, जिसके लिए फाजिल्का के किसान भारी संख्या में जाने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर अमनदीप, रमनदीप, डा. अजीत सिंह, गुरदेव सिंह, कामरेड शक्ति, हरबंस सिंह व अन्य उपस्थित थे।


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