फाजिल्का को हरा भरा बनाने के लिए तैयार हैं पर्यावरण प्रेमी
पूरे ब्रह्मांड की बात करें तो अब तक केवल पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह हैं जो हरा भरा है।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : पूरे ब्रह्मांड की बात करें तो अब तक केवल पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह हैं, जो हरा भरा है। लेकिन जैसे-जैसे पृथ्वी पर जनसंख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे पर्यावरण भी लगातार दूषित हो रहा है।
पर्यावरण प्रेमी वातावरण को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। पंजाब में ही ऐसी कई संस्थाएं हैं, जो पिछले कुछ सालों से लगातार पौधारोपण कर रही हैं। लेकिन यह अभियान तभी सहायक साबित होगा, जब सभी पर्यावरण के बारे में सोचेंगे और इसके बारे में जागरूक होंगे। मनुष्य की अच्छी-बुरी आदतें जैसे वृक्षों को सहेजना, जलवायु प्रदूषण रोकना, स्वच्छता रखना भी पर्यावरण को प्रभावित करती है। इनमें बुरी आदतें जैसे पानी दूषित करना, बर्बाद करना, वृक्षों की अत्यधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को प्रभावित करती है। इसका नतीजा बाद में मानव को आपदाओं का सामना करके भुगतना ही पड़ता है।
दैनिक जागरण के सात मुख्य सरोकारों में पर्यावरण एक अहम सरोकार है, जिसके तहत पूरा साल लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक किया जाता है। इसी के तहत अब उन लोगों से बातचीत की गई है जिन्होंने साल 2019-20 में फाजिल्का को हरा भरा बनाने के लिए भरपूर प्रयास किया और अब उनका आगे का लक्ष्य जाना।
--- पांच हजार पौधे लगाने का लक्ष्य
फाजिल्का में सबसे अधिक पौधे लगाने वाली संस्था की बात करें तो ग्रेजुएटस वेलफेयर एसोसिएशन इसमें सबसे आगे रही है। सोसायटी साल 2012 से लगातार पौधारोपण अभियान चला रही है। एसोसिएशन के सचिव इंजीनियर नवदीप असीजा ने बताया कि साल 2019-20 में कुल 2800 पौधे लगाए गए। इसके अलावा अब साल 2020-21 में पांच हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो जुलाई माह में मानसून के साथ शुरू हो जाएगा। एसोसिएशन के साथ जुड़े सदस्य हर समय सेवा के लिए तैयार रहते हैं और एसोसिएशन द्वारा लोगों के घरों तक पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में लगाए गए पौधे अब काफी बड़े हो गए हैं, जिससे पौधे लगाने का उनका उद्देश्य सार्थक हो गया है।
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एक लाख खर्च करके पार्क बनाया हर भरा
फाजिल्का के समाजसेवी सुभाष नागपाल ने अपनी जेब से करीब एक लाख रुपये खर्च करते हुए एक वीरान पड़ी जगह पर पार्क बनाया है। जिस जगह पर कभी कांटे ही कांटे थे, आज वहां फूलों व पौधों की महक है। सुभाष नागपाल ने बताया कि उन्होंने पार्क में करीब 50 पौधे लगाए हैं और मेहनत से इसे सुंदर बनाया गया है। पर्यावरण को संभालने की अहम जरूरत है, इसलिए उनका यह प्रयास साल 2020-21 में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उक्त पार्क रेलवे की जगह पर बना है, जबकि रेलवे द्वारा अब एक अन्य जगह पर भी पार्क बनाने के लिए उन्हें कहा गया है। जिसके लिए वह तैयार हैं। उनका आगे का लक्ष्य उक्त पार्क को हरे भरे पौधे व घास के जरिए सुंदर बनाना रहेगा।
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धरती के नीचे बचा केवल 20 प्रतिशत पानी: ढिल्लों
जल संरक्षण के लिए पिछले लंबे समय से कार्य कर रहे रिटायर्ड आफिसर एसोसिएशन के प्रधान सर्बजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि नासा के मुताबिक उत्तरी भारत के साथ साथ पंजाब में भी धरती के नीचे लगभग 80 प्रतिशत पानी खत्म हो गया है, जबकि 20 प्रतिशत पानी रह गया है। इसलिए पंजाब के लोग को आज पानी की अहमियत समझनी चाहिए। वे लंबे समय से लोगों को वाटर रिचार्ज सिस्टम के बारे में जागरूक कर रहे है, जिसके तहत बारिश का पानी धरती के नीचे भेजा जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के तहत वह अब तक कुल 10 सिस्टम लग चुके हैं, जिनमें से चार 2019-20 में लगे। साल 2020-21 में भी उनका लक्ष्य स्कूलों, कॉलेजों व अन्य जगहों पर सेमिनार लगाकर इस सिस्टम के बारे में जागरूक करना रहेगा।