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जिला शिक्षा अधिकारी ने किया परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण

कोरोना के कारण पेंडिंग चल रही दसवी ओपन व 12वीं की रिअपीयर व गोल्डन चांस की परीक्षाएं अब करवाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 04:04 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 04:04 PM (IST)
जिला शिक्षा अधिकारी ने किया परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण
जिला शिक्षा अधिकारी ने किया परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण

संवाद सहयोगी, अबोहर : कोरोना के कारण पेंडिंग चल रही दसवी ओपन व 12वीं की रिअपीयर व गोल्डन चांस की परीक्षाएं अब करवाई जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी डा. सुखबीर सिंह बल ने बताया कि परीक्षा को लेकर सरकार की ओर से जारी हिदायतों का पूरी तरह से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि दसवीं की ओपन परीक्षा के लिए जिले में 13 सेंटर बनाए गए हैं, जिसमें करीब 1700 परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं, जबकि 12वीं की रीअपियर व गोल्डन चांस की परीक्षा के लिए छह केंद्र बनाए गए है जिसमें करीब 700 के करीब परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं।

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जिला शिक्षा अधिकारी डा. बल ने मंगलवार को सरकारी माडल हाई स्कूल, गुरु नानक खालसा सीसे स्कूल व अमृत माडल स्कूल के अलावा फाजिल्का के सरकारी सीसे स्कूल ब्वाज व डीएवी सीसे स्कूल में बने परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर प्रबंधों का जायजा लिया।

प्रिसिपल राजेश सचदेवा ने बताया कि परीक्षा करवाने में सरकार व कोविड-19 की हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी के प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिग की जा रही है। परीक्षार्थी के लिए मास्क पहनना जरूरी है। एक कमरे में केवल 12 बच्चे ही बिठाएं जा रहे हैं व बच्चे की दूरी 6 फीट की रखी गई है। आठ परीक्षा केंद्रों में करीब एक हजार से अधिक पेपर दे रहे हैं।

उधर नगर निगम द्वारा भी डेंगू के मद्देनजर स्कूलों में फागिग करवाई जा रही है। सेनेटरी इंस्पेक्टर इकबाल सिंह व अश्वनी मिगलानी ने बताया कि इंद्रा नगरी स्थित नवयुग सीसे स्कूल के अलावा सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में फागिग करवाई जा रही है। गौरतलब है कि यह परीक्षाएं मार्च महीने में आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना के कारण यह परीक्षाएं नहीं हो पाई थी। सरकार द्वारा दसवी व बारहवीं के रेगुलर बच्चों को पिछली कारगुजारी के तहत आगामी कक्षा में प्रमोट कर दिया गया था, लेकिन ओपन प्रणाली के तहत दसवीं व बारहवीं करने वाले बच्चों को यह रियायत नहीं दी गई थी।


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