धीमी गति से विकास कार्यो का लिया निगम कमिश्नर ने नोटिस, 11.55 करोड़ रुपये का काम वापस लिया
निगम ने शहर के विकास के लिए धीमी रफ्तार के साथ काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी से 11.55 करोड़ रुपये का काम वापस ले लिया गया है।
जागरण संवाददाता, अबोहर : निगम ने शहर के विकास के लिए धीमी रफ्तार के साथ काम कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी से 11.55 करोड़ रुपये का काम वापस ले लिया गया है। यह बकाया काम जल्दी करवाने के लिए निगम की तरफ से नए टेंडर भी आमंत्रित कर लिए गए हैं जो कि 20 अगस्त को खुलेंगे। शहरी विकास के प्रोजेक्टों को समय पर मुकम्मल करने की मुहिम के अंतर्गत यह फैसला लिया गया है। यह जानकारी कमिश्नर नगर निगम अभिजीत कपलिश ने दी है।
निगम कमिश्नर ने बताया कि 2016 में 119.16 करोड़ रुपये की लागत से अबोहर शहर के अलग-अलग विकास कामों के लिए अमृत योजना के तहत टेंडर अलाट किया गया था। इसमें जल सप्लाई, सीवरेज, सड़कें, वाटर वर्कस आदि के साथ अन्य काम शामिल थे। संबंधित कंपनी की तरफ से कामों की रफ्तार बहुत धीमी थी और टेंडर की शर्तों अनुसार समय पर काम पूरा नहीं हो रहा था। उन्होंने बताया कि उक्त में 24 करोड़ के काम सिर्फ सड़कों से संबंधित थे जिसमें से उक्त कंपनी ने कुछ काम कर लिया था परन्तु बकाया काम को समय पर पूरा करन में कंपनी रुचि नहीं ले रही थी। इसके चलते निगम ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते उक्त कंपनी से 11.55 करोड़ के काम वापस लेकर उन को पूरा करवाने के लिए टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं।
कमिश्नर ने बताया कि उक्त कामों में पंजपीर टिब्बा, न्यू धर्म नगरी, बाबा दीप सिंह नगर, गुरू कृपा नगर और गंगानगर रोड की ब्रांचों की सड़कों के काम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस का उद्देश्य है कि शहर के लोगों की मुश्किलों का जल्दी हल हो और बकाया सड़कें को जल्दी से जल्दी बना कर शहर के लोगों को सुविधा दी जा सके। उन्होंने कहा कि नगर निगम के बकाया कामों को तय नियमों अनुसार करने में जो भी कोताही करेगा, निगम उस खिलाफ सख्त कार्रवाही करेगी। सीवरेज बोर्ड के अधिकारी जुगल किशोर ने बताया कि अब शहर के बकाया काम जल्दी पूरे होने का रास्ता खुल गया है। उल्लेखनीय है कि यह कार्य 18 माह में पूरा किया जाना था। विधायक अरूण नारंग ने यह मुद्दा विस में भी उठाया था।