कार्निया ट्रांसप्लांट से वापस लाई जा सकी है आंख की ज्योति
जागरण संवाददाता, अबोहर नेत्रदान को लेकर मनाए जा रहे पाक्षिक कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को
जागरण संवाददाता, अबोहर
नेत्रदान को लेकर मनाए जा रहे पाक्षिक कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें जिला मास मीडिया अधिकारी अनिल धामू, सिविल अस्पताल अबोहर से टहल ¨सह व भारत भूष्ण शामिल हुए। अनिल धामू ने कहा कि भारत में लगभग डेढ़ करोड़ के लगभग ऐसे लोग हैं जो देख नहीं सकते। इनमें से बहुत से ऐसे हैं जिनमें कार्निया ट्रांसप्लांट करके उनकी ज्योति को वापस लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कार्निया न तो किसी फैक्ट्री में बन सकती है और न ही कोई अन्य तरीका है। यह केवल मरणोपरांत नेत्रदान से ही संभव है। इसलिए हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि मरने के बाद नेत्रदान कर नेत्रहीनों की आंखें रोशन करेंगें। इससे हम लाखों नेत्रहीनों की अंधेरी ¨जदगी में उजाला ला सकते हैं। इस अवसर पर ¨प्रसिपल कश्मीरी लाल, परमजीत ¨सह आदि मौजूद थे।