अबोहर मंडी में सीसीआइ ने शुरू की नरमे की खरीद
अबोहर मंडी के काटन यार्ड में काटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआइ) ने नरमे की खरीद सोमवार से शुरू कर दी है। इससे किसानों को नरमे के भाव अब पहले से करीब 5 सौ रुपये क्विंटल ज्यादा मिलने लगा है हालांकि सीसीआइ द्वारा नरमे को नमी को देख कर ही खरीदा जा रहा है।
राज नरूला, अबोहर : अबोहर मंडी के काटन यार्ड में काटन कारपोरेशन आफ इंडिया (सीसीआइ) ने नरमे की खरीद सोमवार से शुरू कर दी है। इससे किसानों को नरमे के भाव अब पहले से करीब 5 सौ रुपये क्विंटल ज्यादा मिलने लगा है, हालांकि सीसीआइ द्वारा नरमे को नमी को देख कर ही खरीदा जा रहा है। सीसीआइ ने पहले ही दिन करीब करीब 4 हजार क्विंटल नरमे की खरीद की है।
सीसीआइ के अधिकारी राजीव शर्मा ने बताया कि सीसीआइ द्वारा अबोहर के अलावा मलोट, गिदड़बाहा, फाजिल्का व अबोहर में नरमे की खरीद शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 8 फीसदी नमी वाला नरमा 5665 रुपये के हिसाब से खरीदा गया जबकि 12 फीसदी वाले नरमे का भाव 5438 रुपये के हिसाब से खरीदा गया। राजीव शर्मा ने बताया कि नरमे की खरीद ढेरी करने की बजाय वाहनों पर ही नरमे की जांच कर खरीद की जाती है। उन्होंने बताया कि सोमवार को 2 से 4 नगों को छोड़कर इसमें नमी ज्यादा थी सभी नगों की खरीद की गई। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह 8 से 12 फीसदी नमी वाला नरमा ही बिक्री के लिए लेकर आएं इससे ज्यादा नमी वाला नरमे को एक दो दिन घर पर सुखा लें ताकि उन्हें यहां आकर कोई परेशानी न हो। गौरतलब है कि इससे पहले नरमे की खरीद प्राइवेट व्यापारियों द्वारा ही की जा रही थी व नरमे का भाव 5000 के करीब ही चल रहा था। सीसीआइ द्वारा नरमे की खरीद शुरू करने के बाद किसानों ने नरमा बेचने के लिए लाना शुरू कर दिया है।
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तोला व धानक मजदूरों ने मजदूरी कम देने को लेकर जताया रोष
अबोहर की नई अनाज मंडी स्थित कॉटन यार्ड में सीसीआइ द्वारा नरमे की खरीद शुरू करने समय तोला व धानक मजदूरों ने पूरी मजदूरी नहीं दिए जाने के कारण अपना कामकाज बंद करते हुए कॉटन यार्ड का मेन गेट बंद कर दिया और कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, वे कामकाज बंद रखेंगे। इसको देखकर किसानों को भी चिता सताने लगी कि हड़ताल के चलते उनके नरमा कपास की बोली कैसे होगी। धानक मजदूर यूनियन के चेयरमैन अमरनाथ व तोला यूनियन के मदन लाल ने कहा कि उन्हें पूरी मजदूरी दी जाएं। कुछ देर के प्रदर्शन के बाद संबंधित अधिकारियों को मांग पत्र सौंपा गया व उन्होंने अपना रोष प्रदर्शन समाप्त कर दिया।