मंदिरों में गूंजे भोलेनाथ के जयकारे, भक्तों ने किया पूजा
सावन माह के पहले सोमवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर शिवलिग पर अभिषेक किया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : सावन माह के पहले सोमवार को सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर शिवलिग पर अभिषेक किया। हालांकि मंदिर कमेटियों द्वारा इस बार कोरोना महामारी के चलते कोई बड़ा आयोजन नहीं किया गया। फिर भी कमेटी द्वारा लोगों के बैठने और शारीरिक दूरी बनाने के नियमों का पालन करवाया गया। इसके चलते सुबह से लेकर शाम तक पांच- पांच करके श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर अभिषेक किया। शिव मंदिरों में सुबह से ही जय शिव शंकर, बम-बम भोले आदि के जयकारे लगने शुरू हो गए।
श्री राम संकीर्तन मंदिर में सावन माह के उपलक्ष्य में चल रहे कार्यक्रम के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। मंदिर कमेटी के अध्यक्ष केवल कृष्ण कामरा ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के मद्देनजर बड़ा आयोजन नहीं किया गया। फिर भी श्रद्धालुओं को अभिषेक करने के लिए छूट दी गई है। मंदिर में प्रवेश करने वाले हर श्रद्धालु को सैनिटाइज किया गया। शारीरिक दूरी को बनाए रखने के लिए सेवादारों की ड्यूटियां लगाई गई। वहीं शाम के समय भी भगवान भोलेनाथ की आरती उतारी गई। मंदिर के पुजारी चिमन लाल शर्मा व राजेश शर्मा ने बताया कि भोले बाबा के शिवलिग अभिषेक 22 अगस्त तक जारी रहेगा। प्रति दिन सुबह साढ़े पांच से साढ़े सात बजे तक श्रद्धालु अभिषेक के लिए पहुंच सकते हैं। इसी तरह दुख निवारण श्री बालाजी धाम में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भक्तों ने भगवान शंकर के दरबार में हाजिरी लगाई और भगवान शंकर की पूजा अर्चना की। श्रावण मास भगवान शंकर की पूजा के लिए विशेष महीना माना जाता है। इस महीने में जो भी भगवान शंकर को गंगाजल पंचामृत, बेलपत्र, पुष्प, कच्चा दूध, फल आदि से पूजा- अर्चना करता है, उसकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।